लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सभी सरकारी राशन की दुकानों को आनॅलाइन करने का निर्णय लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के रुप में इस प्रक्रिया को सबसे पहले राजधानी लखनऊ में शुरु किया जा रहा है। जिलाधिकारी के अनुसार पांच अगस्त से लखनऊ की सभी सरकारी राशन की दुकाने आॅनलाइन हो जाएंगी।
जिलाधिकारी राज शेखर ने बुधवार को बताया कि इस समय राजधानी में राशन की आठ दुकानें आनलाइन हैं और अच्छे से कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में कुल 667 सरकारी राशन की दुकाने हैं। ये सभी दुकाने 5 अगस्त से आॅनलाइन हो जाएगी और आधार कार्ड पर आधारित बायोमैट्रिक प्रणाली से अच्छादित होंगी।
उन्होंने बताया कि इस नयी प्रणाली से कुल 130,000 उपभोक्ता जिनके पास राशन कार्ड है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित हैं, पांच अगस्त से राशन सामग्री प्राप्त करेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि लखनऊ के सभी 667 कोटेदार एवं आपूर्ति विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। नगर निगम लखनऊ क्षेत्र के कुल 130,000 राशन कार्ड धारकों में से 80 प्रतिशत के पास आधार कार्ड है, जिन्हें आॅनलाइन मशीन से जोड दिया गया है। शेष 20 प्रतिशत उपभोक्ता या तो आधार कार्ड के लिए अपना पंजीकरण नहीं कराये हैं अथवा उनके आधार कार्ड खो गये हैं। इन 20 प्रतिशत बचे लोगों को खाद्य विभाग द्वारा तीन माह का समय दिया गया है। ये लोग तीन माह तक राशन सामग्री प्राप्त करेंगे लेकिन तब तक अपना आधार कार्ड बनवा लेंगे और राशन की दुकान से उसका लिंक करा देगें। जिलाधिकारी ने आज प्रतापबाग, अलीगंज, उजरियाव एवं गोमतीनगर स्थित कई सरकारी राशन की दुकानों का औचक निरीक्षण कर आनलाइन डिजिटाइजेशन के कार्यों की समीक्षा भी की।
उन्होंने बताया कि यह कार्य लखनऊ शहर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है तथा निरीक्षण का उद्देश्य आधार कार्ड पर आधारित इलेक्ट्रानिक सेल प्वाइंट वितरण सिस्टम की प्रगति की समीक्षा करना है। उक्त कार्य जिला प्रशासन लखनऊ एवं खाद्य विभाग द्वारा टाटा ट्रस्ट एजेन्सी के माध्यम से कराया जा रहा है। इस कार्य में सभी प्रकार के उपकरण एवं प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था टाटा ट्रस्ट द्वारा की जा रही है।
राजशेखर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आॅनलाइन किये जाने के सम्बन्ध में कोटेदारों की प्रक्रिया सकारात्मक रही। इस प्रणाली के लागू होने से प्रत्येक राशन कार्डधारक एवं कोटेदार का शत प्रतिशत डाटा आॅनलाइन उपलब्ध रहेगा। स्टाक एवं वितरण आदि के अंकन के लिए मैनउनल रजिस्टर बनाने की कोई जरूरत नहीं रहेगी और राशन काडों में किसी भी प्रकार की अनियमिततायों की कोई गुंजाइश नही रह जायेगी। इसके अतिरिक्त इस प्रणाली के लागू होने से कोई व्यक्ति दूसरे के नाम अथवा राशन कार्ड से राशन सामग्री प्राप्त नहीं कर सकेगा। इस प्रकिया में समय की बचत भी होगी क्योंकि प्रत्येक ट्रांजेक्शन में अधिकतम 2 से 3 मिनट का ही समय लगेगा। इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण स्टाक की उपलब्धता एवं वितरण का डेटा आॅनलाइन उपलब्ध रहेगा जिससे खाद्य विभाग को स्टाक की समीक्षा करने में सहूलियत हो जायेगी।