नई दिल्ली। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को दावा किया कि उन्होंने पहली बार चुनाव लडऩे से पहले जुलाई, 2013 में उन कंपनियों से रिश्ते खत्म कर लिए थे जो कंपनियां जांच के दायरे में हैं। जैन ने यह दावा एेसे समय में किया है जब उन्हें आयकर विभाग की आेर से समन जारी किया गया है।जैन ने जोर देकर कहा कि वह पीछे नहीं हटेंगे, भले ही वे लोग चाहे जो भी करें। आप नेता ने कहा कि वह इस मामले में 4 अक्टूबर को जांच अधिकारी के समक्ष सभी सवालों का जवाब देंगे। जैन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मैंने 2007 और 2011-12 के बीच कुछ निवेश किए थे। लेकिन मैंने समन में उल्लेखित तीनों कंपनियों के निदेशक के पद से 31 जुलाई, 2013 को इस्तीफा दे दिया था और तब से मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 2013 और 2015 चुनाव के हलफनामों में इस संबंध में घोषणा भी की थी। जैन को आप मंत्रिमंडल में सबसे प्रभावशाली सदस्यों में से एक माना जाता है। जैन ने दावा किया कि उन्हें कोलकाता स्थित इन तीन कंपनियों के पुनर्आंकलन के लिए गवाह के तौर पर समन जारी किया गया है। मेरे पास उस 17 करोड़ रुपए के बारे में कोई जानकारी नहीं है।उन्होंने कहा कि जिस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी जा रही है। मैं मामले से पीछे हटने नहीं जा रहा हूं भले ही वे जो कुछ भी करें। मैं मीडिया को चुनौती देता हूं कि वह उनके खिलाफ एफआईआर के संबंध में शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने वाले खुलासे का सीधा प्रसारण करें। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जैन का यह कहते हुए बचाव किया है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
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