वाशिंगटन । अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी ने हिलेरी क्लिंटन के ईमेल की नई खेप में किसी तरह के आपराधिक सबूत न मिलने पर हरी झंडी दे दी है।
एफबीआई के निदेशक जेम्स कूमी ने कांग्रेस को लिखे एक पत्र में कहा है कि जांच एजेंसी ने अपना काम पूरा कर लिया है और उसे ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे इस स्थिति में किसी बदलाव की गुंजाइश हो।
इसी वर्ष जुलाई में एफबीआई निदेशक ने कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री रहते हुए क्लिंटन ने संवेदनशील बातों को लेकर अपने निजी ईमेल सर्वर पर लापरवाही बरती थी लेकिन कोई अपराध नहीं किया था। हिलेरी के एक संबंधी लैपटॉप में कथित ईमेल मिलने के बाद यह मामला दोबारा उछला।
पिछले महीने इस मामले में एफबीआई निदेशक ने सांसदों को पत्र लिखा था जिसमें हिलेरी कलिंटन के ईमेल्स की दोबारा जांच की बात कही गई थी। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ चुनावी मुद्दा बना लिया था।
पाकिस्तानी मीडिया इस आरोप के लिए NASA द्वारा जारी की गई एक तस्वीर का सहारा ले रही है। हालांकि NASA ने उस तस्वीर के साथ ही सपष्ट कर दिया था कि दिवाली सेलिब्रेशन और पाकिस्तान के इलाकों में मौजूद स्मॉग में कोई सीधा संबंध नहीं है।
पाक मीडिया के कई चैनल्स ये दिखा रहे हैं कि भारत में दिवाली पर फोड़े गए पटाखों और पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जा रही पुआल के चलते पाकिस्तान का दम घुट रहा है। पाक मीडिया का कहना है कि भारत की तरफ से 32 मिलियन टन धुंआ और धुल के कण पाकिस्तान की तरह आए हैं जो कि यहां स्मॉग पैदा कर रहे हैं।
डेली पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर में हवा की हालत बदतर होने के पीछे दिवाली के पटाखों का ही हाथ है। मीडिया के अलावा पाकिस्तान के मीट्रियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर कमर ज़मान चौधरी का भी कहना है कि उत्तर भारत में मौजूद कोयले से चलने वाले उद्योग पाकिस्तान में प्रदूषण बढाने का काम कर रहे हैं।
इसके अलावा फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने से भी जो धुंआ पैदा होता है वो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक लाहौर और पाकिस्तानी पंजाब में भी स्मॉग ने भी लोगों का बुरा हाल किया हुआ है।
हाफिज सईद के सिर पर अमेरिका ने 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। पिछले हफ्ते ही उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि कश्मीर में भारत के अत्याचारों पर शरीफ सरकार की प्रतिक्रिया काफी ठंडी है।