बांग्लादेश के निर्वाचन आयोग ने रविवार को जमात-ए-इस्लामी को आगामी 30 दिसम्बर को प्रस्तावित आम चुनावों में भाग लेने की अनुमति को प्रदान कर दी. यह दल सजायाफ़्ता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया एवं विपक्षी दल बीएनपी का महत्त्वपूर्ण साझीदार है. निर्वाचन आयोग ने दो महीने पहले जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण रद्द कर दिया था. जमात संसदीय चुनावों में 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और उसके उम्मीदवार बीएनपी के चुनाव चिन्ह का ही इस्तेमाल करेंगे. चुनाव आयोग ने यह फैसला उच्च न्यायालय के इस सप्ताह आये एक निर्णय के बाद लिया.
2 साल से अधिक समय तक जेल में रहने पर चुनाव नहीं लड़ सकते: बांग्लादेशी अदालत
बांग्लादेश की एक अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जो लोग अपनी लंबित याचिकाओं के साथ दो वर्षो से अधिक समय से जेल में बंद हैं, वे 30 दिसंबर को होने वाला आम चुनाव नहीं लड़ सकते. बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पांच नेताओं अमानुल्लाह अमान, ए.जेड.एम. जाहिद हुसैन, वदूद भुईयां, मोहम्मद मोशीउर रहमान और मोहम्मद अब्दुल वहाब की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका के संबंध में दिया गया था.
अदालत ने कहा था कि संविधान के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को जेल में दो वर्षो से ज्यादा समय तक रहने की सजा दी जाती है तो जबतक अपीलीय डिवीजन सजा को खारिज या निलंबित नहीं करता, वह चुनावों में भाग नहीं ले सकता/सकती है.इस आदेश के बाद बीएनपी की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया आगामी चुनाव नहीं लड़ सकेंगी, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार के दो मामलों में 17 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है.
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