कुशीनगर। जनपद के राजकीय होटल पथिक निवास में शनिवार से शुरु हो रही दो दिवसीय संगोष्ठी में देशभर के 400 इतिहासविद भारतीय इतिहास लेखन पर मंथन करेंगे। शुकव्रार को देश के सूदूर प्रान्तों से इतिहासकारों का आगमन शुरू हो गया। संगोष्ठी में शिरकत करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक डाॅ. राकेश तिवारी देर शाम को कुशीनगर पहुंच गए।
बुद्धस्थली पर भारतीय इतिहास के श्रोत व एवं इतिहास लेखन विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति व गोरखपुर विश्वविद्यालय का प्राचीन इतिहास, पुरातत्व व संस्कृति विभाग कर रहा है।संगोष्ठी को अंग्रेज व मुगल इतिहासकारों द्वारा लिखे गए मिथ्या इतिहास लेखन में सुधार और पाठ्यक्रम में वास्तविक इतिहास को दर्ज कराए जाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। आयोजन के माध्यम से देश भर के इतिहासकारों को कुशीनगर में स्थित पांचवी शदी के पुरावशेषों से रू-ब-रू कराया जायेगा।
संगोष्ठी का शुभारंभ 15 अक्टूबर को सुबह भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. यल्लाप्रगदा सुर्दशन राव करेंगे। 16 अक्टूबर को संगोष्ठी का समापन करने राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण भारत सरकार की अध्यक्ष सुष्मिता पांडेय आएंगी। चार सत्रों में आयोजित
इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथियों के अलावा इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. सतीशचंद मित्तल, राष्ट्रीय संग्रहालय भारत सरकार की महानिदेशक डाॅ. बुद्ध रश्मि मणि त्रिपाठी, गोविवि के कुलपति प्रो. अशोक कुमार, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सत्यप्रकाश बंसल, वरिष्ठ इतिहासविद् मधु भाई कुलकर्णी, प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा, प्रो. राघवेंद्र तंवर, प्रो. अरविंद जामखेड़कर, प्रो. शिवाजी सिंह समेत देश व विदेश के कुल 400 इतिहासविद् हिस्सा लेंगे।
देर शाम राष्ट्रीय संगठन सचिव डाॅ. बालमुकुंद पांडेय व राष्ट्रीय सरंक्षक पीएन पाठक ने आयोजन से जुड़ें कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई और अंतिम रूप से तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान प्रो. राजवंत राव, प्रो. दिग्विजय नाथ, ज्ञानप्रकाश मंगलम, प्रो. महेश कुमार शरण, डाॅ. प्रदीप कुमार राव आदि मौजूद रहे।