दुनियाभर से ईसाई श्रद्धालु क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सोमवार को बेथलेहम पहुंचे. यहां आए श्रद्धालुओं ने उस स्थान का दर्शन करने के लिए धार्मिक जुलूस में हिस्सा लिया जहां माना जाता है कि प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था. प्रभु यीशु के जन्मस्थल बेथलेहम में आधी रात को प्रार्थना का आयोजन होगा. उधर, वेटिकन में पोप फ्रांसिस भी विशेष प्रार्थना करेंगे. मेंजे स्क्वायर पर फलस्तीनी स्काउट और एक बैगपाइप बैंड का जुलूस आया. यह जुलूस प्रभु यीशु मसीह के जन्मस्थल ‘चर्च ऑफ नैटिविटी’ से निकला. सांता वाली टोपी लगाए और हाथों में गुब्बारे लिये हुए लोगों की नजरें चौराहे की ओर थी, जहां एक विशाल क्रिसमस ट्री सजाया गया था.
होली लैंड के कैथोलिक आर्चबिशप पीरबतिस्ता पिज्जाबल्ला आधी रात की सामूहिक प्रार्थना सभा की अगुवाई करेंगे. उसमें गणमान्य लोगों में फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी होंगे. इस साल श्रद्धालु चर्च ऑफ नैटिविटी के नये सिरे से संवारे गए मोजैक देख पा रहे हैं. एक बड़ी परियोजना के तहत हाल ही में उसकी साफ-सफाई और मरम्मत की गयी थी.
पहला गिरिजाघर चौथी सदी में यहां बना था . छठी सदी में आग लगने के बाद उसके स्थान पर दूसरा गिरजाघर बना था. उसके पास एक नया और विशाल गिरिजाघर सेंट कैथरीन है. बेथलेहम पश्चिमी तट पर यरुशलम के समीप है लेकिन वह इस्राइल के अवरोधक के चलते शहर से कटा हुआ है. इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के चलते अशांति की वजह से कई सालों से मंदी के बाद इस साल पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है.
फलस्तीन के पर्यटन अधिकारियों और होटल संचालकों के अनुसार कई सालों में पहली बार ऐसा जबर्दस्त सीजन आया है. बेथलेहम के अलावा दुनियाभर के ईसाई क्रिसमस मनाने की तैयारी कर रहे हैं. शुक्रवार को पोप फ्रांसिस ने कहा, ‘‘नये चरमपंथी समूह उभर रहे हैं और चर्च, धार्मिक स्थानों, मंत्रियों और अन्य लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.’’
पोप ने कहा, ‘‘कितने ईसाई अब भी दुनिया भर में अत्याचार, भेदभाव, नाइंसाफी के शिकार हो रहे हैं.’’ क्रिसमस को लेकर ब्रिटेन में भी तैयारियां हैं. हालांकि, बार्सिलोना में चौकसी बरती जा रही है क्योंकि अमेरिकी विदेश विभाग ने क्रिसमस के त्यौहार के दौरान स्पेन के दूसरे सबसे बड़े शहर में आतंकी हमले को लेकर आगाह किया था.
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