जोधपुर में कश्मीर, सेना और जवानों पर विवादित बयान देने वाली प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।
मेनन पर एक सेमिनार के दौरान ‘‘देश विरोधी’’ टिप्पणी करने का आरोप है। जोधपुर स्थित यूनिवर्सिटी ने मामले की आंतरिक जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
जेएनयू में राजनीति-विज्ञान की प्रोफेसर मेनन को शुक्रवार (3 फरवरी) को जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग ने एक सेमिनार में आमंत्रित किया था ।
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति आर पी सिंह ने कहा, ‘‘हमने मेनन और सेमिनार के आयोजन सचिव राज श्री राणावत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दाखिल की है ।
हमने एक जांच टीम का भी गठन किया है जो पूरे मामले की छानबीन करेगी।’’ छात्रों एवं एबीवीपी कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद यह कार्रवाई की गई । आरोप है कि मेनन ने राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का अनादर किया ।
कुलपति आर पी सिंह के मुताबिक, प्रोफेसर ने तीन मुद्दों पर विवादित बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है और भारत को सियाचिन पर अपना हक नहीं जताना चाहिए।
सिंह के मुताबिक प्रोफेसर ने जवानों के लिए भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जवान देश के लिए नहीं बल्कि अपनी आजीविका चलाने के लिए काम करते हैं।
लेकिन जब इंडियन एक्सप्रेस ने मेनन से बात की तो उन्होंने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को गलत बताया। मेनन ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं और उन्होंने ऐसा कुछ नहीं बोला था।
उन्होंने कहा कि किसी दूसरे प्रोफेसर ने पिछले साल ऐसा कहा था। उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम करवाने वाले लोगों ने उनके बारे में लोगों को बताते हुए नाम गलत लिया जिसकी वजह से गलत फहमी हुई।
उन्होंने कहा, ‘मैंने कश्मीर के बारे में कुछ नहीं कहा।’ जवानों वाली बात पर उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि आर्मी भी जीविका चलाने का साधन है और अगर हम अपने जवानों को प्यार करते हैं तो उनसे गलत व्यवहार क्यों करते हैं ?