अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लापता पत्रकार जमाल खशोगी के मामले में सऊदी अरब की चौतरफा आलोचना की निंदा करते हुए किसी निर्णय पर पहुंचने को लेकर आगाह किया और मामले में धैर्य रखने के सऊदी अरब के अनुरोध का एक प्रकार से समर्थन किया. ट्रंप ने खशोगी मामले की तुलना ब्रेट कैवेनो के मामले से की. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए कैवेनो के नाम को मंजूरी देने की सुनवाई के दौरान उन पर यौन-उत्पीड़न के आरोप लगे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमें यह पता चलना चाहिए कि पहले क्या हुआ. यहां हम फिर वही दोहरा रहे हैं कि जब तक आप निर्दोष साबित नहीं हो जाते, आप दोषी हैं. मुझे यह पसंद नहीं. हमने न्यायमूर्ति कैवेनो के साथ यही किया और जहां तक मेरा मानना है वह निर्दोष हैं.’’
ट्रंप का यह बयान सऊदी के बचाव में अब तक के उनके सबसे मजबूत बयानों में से एक है. गौरतलब है कि ट्रंप का यह साक्षात्कार मंगलवार को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात करने के बाद आया है. ट्रंप ने सोमवार को किंग सलमान से भी बात की थी. ट्रंप ने प्रिंस सलमान से फोन पर बात करने के बाद कहा कि खशोगी के साथ क्या हुआ इसके बारे में कोई जानकारी होने से उन्होंने इनकार किया है.
इस बीच, सऊदी अरब ने लापता पत्रकार मामले की गहन जांच कराने का आश्वासन दिया है लेकिन उसकी हत्या कराने के आरोपों से इनकार किया है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को यह जानकारी दी. दरअसल, मामला तूल पकड़ने के बाद ट्रंप ने पोम्पिओ को महत्वपूर्ण मिशन के तहत रियाद रवाना किया था.
दिन भर चली बातचीत के बाद पोम्पिओ की ओर से जारी बयान और ट्रंप के ट्वीट में कहा गया कि सऊदी नेतृत्व ने कहा है कि वाणिज्य दूतावास में क्या हुआ उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि कोई घटना नहीं हुई है. वहीं, तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि सऊदी ने वाणिज्य दूतावास के अंदर खशोगी की हत्या कर दी
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