गृहमंत्रालय के मुताबिक, नक्सलियों की चिट्ठी में पीएम नरेंद्र मोदी को पूर्व पीएम राजीव गांधी की तर्ज पर रैलियों में निशाना बनाने का जिक्र था। सूत्रों के मुताबिक, इस बात की भी समीक्षा की जा रही है कि क्या नक्सली गुटों में इतनी क्षमता है कि वह एसपीजी के सुरक्षा घेरे में रहने वाले पीएम को निशाना बना सकें। राजीव गांधी की हत्या के बाद एनएसजी के मैंडेट में कई नए क्लॉज जोड़े गए थे। ताकि दोबारा ऐसी घटना ना हो सके।
नक्सलियों की साजिश का खुलासा होने के बाद पीएम की सुरक्षा और कड़ी करेगा गृहमंत्रालय
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। पुणे पुलिस के हाथों गिरफ्तार नक्सलियों के ठिकाने से पीएम की हत्या की साजिश से संबंधित चिट्ठी बरामद होने के बाद यह बैठक बुलाई गई। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख राजीव जैन और गृह सचिव राजीव गौबा मौजूद थे। महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेजी है।
राजनाथ ने सभी राज्यों और संबंधित एजेंसियों को पीएम की सुरक्षा को लेकर जरूरी इंतजाम की नए सिरे से समीक्षा करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए कानून के तहत बनी एलीट फोर्स स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) जिम्मेदार होती है। लेकिन जब पीएम राज्यों का दौरा करते हैं तो राज्य पुलिस की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम हो जाती है।