बर्लिन: उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी वेनेजुएला के मार्गरिटा द्वीप पर आयोजित हो रहे गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रवाना हो चुके हैं। हामिद अंसारी ने कहा कि भारत नॉन अलाइंड मूवमेंट (नाम) समिट में हिस्सा ले रहा है और इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल नहीं होने पर सवाल नहीं उठाने चाहिए। हामिद अंसारी ने यह बात पत्रकारों से विशेष विमान में की। उन्होंने कहा कि यह ‘‘प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं’’ है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भारत की ओर से इसमें भागीदारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इसमें भाग नहीं लेने पर भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं समझना चाहए। सरकारें बदलने पर विदेश नीति के तौर-तरीके जरूर बदलते हैं लेकिन इस शिखर सम्मेलन को लेकर भारत की नीति पहले जैसी ही है।उन्होंने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर इसमें हिस्सा ले रहा है तो यह अपने आप में भारत की गंभीरता का संकेत ही है। अंसारी ने कहा कि इस शिखर का मकसद शांति स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इस शिखर के दौरान आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी देश शांति के बिना विकास की राह पर नहीं चल सकता। लिहाजा इस शिखर में शांति की दरकार, विकास और आतंकवाद के मुद्दे छाए रहेंगे।अंसारी ने कहा कि ‘नाम समिट’ के गठन का मकसद विकासशील देशों की तरफ से अपने हिसाब से विकास करना है ताकि विकसित हो चुके देश अपने हिसाब से विकासशील देशों पर काम करवाने का दवाब न बना सकें और ‘नाम’ समिट की प्रासंगिकता आज भी कायम है। ‘नाम’ 120 देशों की संस्था है और यह 1961 में बनाई गई थी। इस संस्था का भारत संस्थापक सदस्य है। अब तक हुई ‘नाम’ की 16 समिट में भारत के प्रधानमंत्री हिस्सा ले रहे हैं हालांकि 1979 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने इस शिखर में शिरकत नहीं की थी।