दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार (18 मई) को कहा कि उसे विश्वास है कि उत्तर कोरिया संबंध बेहतर करने की प्रतिबद्धता को बरकरार रखेगा. दरअसल उत्तर कोरिया ने अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच जारी सैन्य अभ्यासों को लेकर सोल की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि अगर उसकी शिकायतों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है तो वह अंत: कोरियाई वार्ता में शामिल नहीं होगा. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता बाएक तेई यून ने कहा कि सोल को उम्मीद है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच पिछले महीने हुई वार्ता के दौरान जो समझौते हुए हैं, प्योंगयांग उनका पालन करेगा.
कोरियाई देशों के दोनों नेताओं ने प्रायद्वीप के ‘‘संपूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’’ और स्थायी शांति का संकल्प लिया था. बुधवार (16 मई) को दक्षिण कोरिया के साथ होने वाली उच्च स्तरीय बैठक को रद्द करने के बाद से उत्तर कोरिया ने वाशिंगटन और सोल पर कई शब्द बाण चलाए हैं. इसके अलावा उसने किम जोंग उन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अगले महीने होने वाले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन को रद्द करने की भी धमकी दी है.
उत्तर कोरिया ने कहा है कि परमाणु हथियारों को खत्म करने का उस पर एकतरफा दबाव नहीं बनाया जा सकता है. विश्लेषकों की मानें तो उत्तर कोरिया का इरादा कूटनीति को विफल करने का नहीं है. बल्कि वह 12 जून को सिंगापुर में ट्रंप और किम के बीच होने वाली वार्ता से पहले ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहता है.
प्योंगयांग का दक्षिण कोरिया से अमेरिका के साथ सैन्याभ्यास रोकने का आग्रह
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से अमेरिका के साथ संयुक्त सैन्याभ्यास रोकने का आग्रह किया है, ताकि अंतर कोरियाई वार्ता बहाल हो सके. प्योंगयांग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच दो सप्ताह लंबे वायुसैन्याभ्यास के विरोध में बुधवार (16 मई) को अंतर कोरियाई वार्ता रद्द कर दी थी.
उत्तर कोरिया के देश के शांतिपूर्ण पुनर्एकीकरण की समिति के अध्यक्ष री सोन ग्वोन ने कहा, “दक्षिण कोरिया प्रशासन ने अमेरिका के साथ 2018 मैक्स थंडर संयुक्त वायु सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के चुनिंदा ठिकानों को निशाना बनाना और वायु नियंत्रण पर शिकंजा कसना है.”