कोलकाता । पश्चिम बंगाल के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती के मुद्दे पर राज्य की ममता सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं।
ममता ने इसे संघीय व्यवस्था पर हमला करार दिया है तो केंद्र सरकार और सेना इसे रूटीन अभ्यास बता रही है।
मगर टोल प्लाजों पर तैनात जवानों को इन विवादों से कोई मतलब नहीं। एक जवान ने दो टूक कहा कि वह आदेश मिलने तक टोल प्लाजा से नहीं हटेगा।
विद्यासागर टोल प्लाजा पर तैनात एक जवान से जब पत्रकार ने पूछा कि अगर मुख्यमंत्री यहां से गुजरें और आपसे सवाल पूछें तो क्या करेंगे? इस सवाल से जवान पहले तो थोड़ा गुस्से में दिखा लेकिन जल्द ही उसने खुद को नियंत्रित करते हुए जवाब दिया, ‘हमें पॉलिटिक्स से कोई मतलब नहीं है। बंगाल की सीएम अगर हमें पूछती हैं तो हम उन्हें बताएंगे कि यह रूटीन ड्यूटी है।’ 35 साल के लंबे कद-काठी के इस जवान ने आगे कहा कि अगर मुख्यालय से ऑर्डर आता है तो वह पोस्ट से हट जाएंगे।
ये बातचीत गुरुवार रात की थी। जवान को बिलकुल नहीं पता था कि वहां से महज 800 मीटर दूर सचिवालय के 14वें तल पर उस वक्त भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद थीं और सेना की मौजूदगी को ‘आपातकाल जैसे हालात’ से जोड़ रही थीं।
जवान के मुताबिक उसे विवाद के बारे में पता भी नहीं चलता अगर अचानक मीडिया वाले नहीं आए होते। उसने धीरे से कहा, ‘हमें तो आप लोगों से ही पता चला कि सीएम नाराज हैं।’
करीब उसी समय एक जवान ने कहा, ‘यहां तक कि पुलिस भी हमसे पूछताछ कर चुकी थी। अभी-अभी हमें सूचना मिली कि इस चेकिंग की वजह से बहुत समस्या हो गई है। हम इससे पूरी तरह अनजान थे। एक रूटीन वाले काम से इतनी समस्या क्यों हैं?’ उस समय तक पुलिस वाले पूरी तरह उस जगह को छाप चुके थे। रात के करीब 11.20 बज रहे होंगे और आर्मी की आखिरी गाड़ी भी वहां से चली गई।
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