सुंदर, तीखे नयन-नक्श और अलग-सी दिखने वाली, अभिनेत्री नम्रता थापा ज़ी टीवी के शो ‘संयुक्त’ में अपनी मुख्य भूमिका के लिए सुर्खियों में है। नम्रता कुछ शीर्ष वर्ग की पंजाबी वीडियो’ज; बंगाल, उड़िया और भोजपुरी फिल्मों की एक सितारा है। उसने सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ से बॉलीवुड करिअर की शुरुआत की और इसमें निभाई भूमिका के लिए उसे बड़े पैमाने पर सराहना भी मिली। वहीं उसने कई हिंदी टेलीविजन शो भी किए। वह अपने आपको भाग्यशाली मानती है कि अब वह संयुक्त में प्रमुख भूमिका में है। उसके सह-कलाकार शो में हर्ष वशिष्ठ, मोहित शर्मा, उर्वशी शर्मा, मनिंदर सिंह और सूरज कक्कड़ हैं।
पेश है उससे बातचीत के कुछ अंश :
नये शो का क्या विषय है?
‘संयुक्त’ का विषय बहुत अच्छा है। यह निश्चित रूप से भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवारों की अवधारणा के रूप में दर्शकों के दिलों को छू लेगा। इस शो में बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है, जैसा कि आमतौर पर भारतीय समाज में अधिकतर परिवारों में अपने जीवन में कुछ बिंदुओं पर एक आम संघर्ष का सामना करता पड़ता है।
अपने चरित्र के बारे में बताएं?
मैं, गायत्री मेहता, जो मेहता परिवार की बड़ी बहू का किरदार निभा रही हूं। वह बहुत ही साधारण महिला है लेकिन शिक्षित नहीं है। उसे मुश्किल तब होती है जब उसका गैजेट का आदी बेटा हमेशा अपने मोबाइल फोन पर चिपका रहता है, से आपसी तालमेल नहीं बिठा पाती। उसका अपने सास-ससुर के प्रति अपार सम्मान है तथा सास को वह अपनी मां की तरह प्यार करती है।
आपको इस शो ‘संयुक्त’ में क्यों लिया?
मुझे ‘संयुक्त’ ने लिया क्योंकि मैं हमेशा की तरह वरिष्ठ अभिनेताओं किरण कुमार और निश्चित रूप से प्रतिभाशाली सुभांगी लाटकर के साथ काम करना चाहती थी। जब मुझे प्रोडक्शन हाउस सारेगामा प्रोडक्शंस से प्रस्ताव मिला, मैंने एक पल गंवाए हामी भर दी।
अपने बारे में बताएं?
मैं कई मायनों में पंजाब के साथ जुड़ी रही हूं। मेरी मां एक पंजाबी है और आमतौर पर मैं चंडीगढ़ जाती रहती हूं। मुझे पंजाबी खाना पसंद है। मैंने पंजाबी गायकों के लिए कई वीडियो किए हैं। मैं अपने आप को पंजाब के थिरकते मनोरंजन उद्योग का एक हिस्सा मानती हूं। वास्तव में, इस तरह के खूबसूरत शो ‘संयुक्त’ के साथ जुड़े होने के लिए रोमांचित हूं।
आज से पांच वर्ष बाद आप खुद को कहां देखते हैं?
मैं अच्छी कहानी के साथ शो करने के लिए काम करती रहूंगी।
आप महत्वाकांक्षी हैं?
मैं बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं चीजों के पीछे भागती हूं।
आप अपने आप को कैसे परिभाषित करते हैं?
मैं जैसी दिखती हूं वैसी ही हूं। आगे बढ़ने के लिए काम करते रहना है।