Friday , January 3 2025

बाघों की तीन और उप प्रजातियाँ हुई विलुप्त

दुनिया में बाघों की कई प्रजातियां थी लेकिन अब धीरे-धीरे कर ये प्रजातियां खत्म हो रही हैं. इसकी पुष्टि एक अध्ययन में हुई है. इस अध्ययन में ये जानकारी मिली है कि अब दुनिया में सिर्फ छह उप-प्रजातियां ही बाकी रह गई हैं जिसे पर अब कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए तो ये प्रजातियां भी खत्म हो जाएँगी और बाघों का वजूद ही खत्म हो जायेगा. बता दें, इन प्रजातियों में बंगाल टाइगर, आमुर बाघ (साइबेरियाई बाघ), दक्षिण चीन बाघ, सुमात्रा के बाघ, भारतीय-चीनी बाघ और मलाया के बाघ शामिल हैं. वहीं तीन उप-प्रजातियां में कैस्पियन बाघ, जावा के बाघ और बाली के बाघ विलुप्त हो चुके हैं. 

अध्ययन के अनुसार, दुनिया में सिर्फ 4000 से भी कम बाघ बाकी हैं और इन्हें बचाने के लिए प्रयास तेज करने में मदद मिल सकती है. जंगलों को काटने से बाघों के निवास भी खत्म हो रहे हैं जिसके चलते उन्हें खुले जंगल में ही घूमना पड़ता है. ऐसे में उनका अवैध शिकार भी उनकी जाती को खत्म करता जा रहा है. वहीं आपको बता दें, वैज्ञानिक बाघों की उप-प्रजातियों को लेकर एकमत नहीं हैं. इस बात की जानकारी अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता बीजिंग के पेकिंग यूनिवर्सिटी के शु जिन लोउ ने दी है. 

शु जिन लोउ ने बताया कि उप-प्रजातियों की संख्या को लेकर वैज्ञानिकों का एकजुट ना होने के कारण विलुप्त होने की कगार पर मौजूद बाघों को बचाने के लिए वैश्विक प्रयास भी आंशिक रूप से बाधित हो रहे हैं. इन प्रजातियों को बेहतर ढंग से संरक्षित करने, नियंत्रित पर्यावरण और प्राकृतिक वास में उनकी प्रजनन क्रिया को बढ़ाना चाहिए जिस पर चर्चा वैज्ञानिक अभी भी कर रहे हैं जो चर्चा माँ विषय बन गया है.

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com