प्रधानमंत्री टेरीजा मे की ब्रेक्जिट रणनीति से नाराज विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा ब्रेक्जिट मंत्री डेविड डेविस के इस्तीफे के एक घंटे के भीतर आया।
डेविड यूरोपीय संघ से अलग होने के मामले में ब्रिटिश सरकार की ओर से मुख्य वार्ताकार थे। उनकी जगह डोमिनिक राब को नया मंत्री बनाया गया है।
गौरतलब है कि 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को 29 मार्च 2019 को बाहर हो जाना है। विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे से प्रधानमंत्री टेरीजा मे के लिए संकट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
इस्तीफे के बाद जॉनसन ने कहा कि अगले साल ब्रेक्जिट के बाद समूह के साथ करीबी कारोबारी संबंध के लिए सरकार योजना घोषित करेगी। लेकिन देश की स्थिति ईयू के उपनिवेश जैसी हो जाएगी।
इससे पहले इस्तीफा सौंपने वाले ब्रेक्जिट मंत्री डेविड ने कहा था कि उनका इरादा प्रधानमंत्री टेरीजा के खिलाफ बगावत को हवा देना नहीं है।
डेविस को 2016 में ब्रेक्जिट मंत्री बनाया गया था। उस समय उनकी नियुक्ति से लोगों को बहुत हैरानी हुई थी। कई वरिष्ठ मंत्रियों पर तरजीह देकर उनको यह अहम जिम्मेदारी दी गई थी।
डेविस ने मे को लिखे पत्र में कहा कि ब्रेक्जिट को लेकर अपनाई गई नीति के आम निर्देश हमें बातचीत की कमजोर स्थिति में लाकर छोड़ देंगे और शायद उससे बच निकलना भी मुश्किल होगा।
अपने जवाब में मे ने कहा कि कैबिनेट में शुक्रवार को इस नीति पर सहमति बनी थी और इसके बारे में जो बात आप कह रहे हैं उससे मैं सहमत नहीं हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उनके इस्तीफे से दुखी हैं। लेकिन, हर उस काम के लिए शुक्रिया अदा करना चाहती हैं, जो उन्होंने यूरोपीय संघ से निकलने को दिशा देने के लिए किया है।
ब्रेक्जिट पर नया जनमत संग्रह नहीं होगा : प्रधानमंत्री
मंत्रियों के इस्तीफे के बाद दबाव में आईं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय संघ छोड़ने के अंतिम फैसले पर फिर से जनमत संग्रह नहीं कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अनुच्छेद 50 को विस्तार नहीं देगा। ब्रिटेन के लोग चाहते हैं कि सरकार फिर से मतदान कराने की जगह ब्रेक्जिट करे।
सरकार में बिखराव को देखते हुए उत्पन्न नेतृत्व की चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह वही करना चाहेंगी जो ब्रिटेन के लोगों की इच्छा है।
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