भारत और थाईलैंड ने क्षेत्र में अहम समुद्री मार्गों में उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए खासतौर पर समुद्री क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और थाईलैंड के उनके समकक्ष जनरल पी. वोंगसुवोन के बीच बैंकाक में हुई व्यापक वार्ता के बाद यह फैसला लिया गया। 
नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास के जरिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क बढ़ाने का फैसला किया है। बयान के मुताबिक मंत्रियों ने जारी द्बिपक्षीय रक्षा संपर्क में सकारात्मक गति का स्वागत किया और रक्षा सहयोग और आगे बढ़ाने तथा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की।
सीतारमण ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा से मुलाकात की और द्बिपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। सीतारमण थाईलैंड में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं। दोनों रक्षा मंत्रियों ने दोनों देशों की थलसेनाओं और वायुसेनाओं के बीच मौजूदा सैन्य अभ्यास मजबूत करने के तरीके तलाशने का भी फैसला किया।
उन्होंने थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पी. वोंगसुवहन से मुलाकात की तथा भारत – थाईलैंड सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों ने हिंद – प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी चर्चा की। क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
मंत्रालय ने बताया कि थाई रक्षा मंत्री ने पहला बिमस्टेक (बे ऑफ बंगाल इनिशएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) सैन्य अभ्यास की मेजबानी करने और सितंबर में भारत में सेना प्रमुखों के सम्मेलन के भारत की पहल का स्वागत किया। बिमस्टेक समूह के देशों में विश्व की 22 फीसदी आबादी निवास करती है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सीतारमण कल यहां तीन दिनों की यात्रा पर पहुंची थी।
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