लंदन । भारतीय मूल के इंजीनियर नवीन रबेल्ली ने सौर ऊर्जा चालित एक ऑटोरिक्शा से भारत से लंदन की 10,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी की। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य एशिया और यूरोपीय देशों में अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल कर सवारी वाहनों के लिए वैकल्पिक परिवहन समाधानों को लेकर जागरूकता फैलाना था।
दुनिया के कई हिस्सों में श्टुक टुक्य के नाम से प्रसिद्ध ऑटो फरवरी में बेंगलुरू से यात्रा पर निकला था। 35 साल के रबेल्ली सोमवार को ब्रिटेन पहुंचे। वह उम्मीद से पांच दिन बाद पहुंचे क्योंकि पिछले हफ्ते सफर के दौरान फ्रांस में शौचालय जाते हुए उनके साथ चोरी की घटना हुई। इससे अप्रभावित रहते हुए रबेल्ली ने सफर जारी रखा। घटना में उनका पासपोर्ट और बटुआ चोरी हो गया था। उन्होंने 1,500 डॉलर में डीजल चालित ऑटोरिक्शा खरीदा, जिस पर उन्होंने 11,500 डॉलर का अतिरिक्त खर्च कर उसे शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले वाहन में बदल दिया। उन्होंने वाहन को श्तेजस्य नाम दिया। उन्होंने कहा, इस सफर का उद्देश्य एशिया और यूरोपीय देशों में अक्षय ऊर्जा (सौर एवं विद्युतऊर्जा का मिश्रण) का इस्तेमाल कर सवारी वाहनों के लिए वैकल्पिक परिवहन समाधानों को लेकर जागरूकता फैलाना था।