नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मानहानि कानून का दुरुपयोग करने पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस मामले में दोबारा नोटिस ज़ारी कर जयललिता से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने वाले लोगों और अपने राजनीतिक विरोधियों पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराकर जयललिता इस कानून का गलत इस्तेमाल कर रही हैं।
अदालत ने जयललिता को नसीहत देते हुए कहा,”सार्वजनिक हस्तियों को आलोचना झेलनी चाहिए, लोकतंत्र को कुचलने के लिए आप मानहानि का सहारा नहीं ले सकते। कामकाज पर सवाल उठाने वालों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने के बजाय राज्य सरकार को अच्छे शासन पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” अदालत डीएमडीके प्रमुख विजयकांत की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें कोर्ट से मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की अपील की गई है।
इससे पहले भी मानहानि मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जयललिता को फटकार लगा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में उन आपराधिक मानहानि मामलों की सूची मांगी थी जो राज्य सरकार ने दर्ज कराए हैं। तमिलनाडू सरकार ने बताया कि पांच साल में 213 मानहानि के मामले दर्ज किए हैं।
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