न्यूयॉर्क। फ्रांस मोरक्को में होने वाली जलवायु पर केंद्रित वार्ता के शुरू होने से पहले पेरिस जलवायु समझौते को लागू कराना चाहता है। फ्रांस की पारिस्थितिकी मंत्री सेगोलीन रॉयल ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लक्ष्य वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते पर चर्चा करने के लिए बुधवार को न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून से मुलाकात की। फ्रांस की पारिस्थितिकी मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से हुई मुलाकात में समझौते के क्रियान्वयन में तेजी लाने का आव्हान किया। रॉयल ने कहा कि मैं चाहूंगी कि समझौता सात नवंबर को शुरू होने वाले माराकेच सम्मेलन से पहले प्रभावी हो जाए। अभी तक फ्रांस और द्वीपीय देशों सहित सिर्फ 19 देशों ने ही इस समझौते का अनुमोदन किया है। समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यह वह द्वीपीय देश हैं जो समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से खतरे में हैं। यह समझौता तब तक प्रभावी नहीं हो सकता जब तक वैश्विक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के 55 प्रतिशत हिस्से के लिए जिम्मेदार 55 देश इसे पूरी तरह मंजूर नहीं कर लेते। संयुक्त राष्ट्र पेरिस समझौते के अनुमोदन के लिए देशों पर दबाव बनाने के लिए 21 सितंबर को एक अंतरराष्ट्रीय सभा आयोजित कर रहा है। रॉयल ने कहा कि विभिन्न देशों से पूछा जाएगा कि वे समझौते को पूरी तरह अंगीकार करने के इच्छुक हैं या नहीं और यदि इच्छुक हैं, तो अपने इरादे का सबूत दें। उन्होंने कहा कि हम इच्छा जताने वाले बयानों से अब और समय तक संतुष्ट नहीं होंगे। अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषकों यानी अमेरिका और चीन सहित कुल 177 देशों और पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वाशिंगटन और बीजिंग ने इस साल जलवायु समझौते को अंगीकार करने का संकल्प लिया है।
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