चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंचायती चुनावों के बाद बोर्डों व कार्पोरेशनों में नियुक्तियां की जानी हैं। सरकारी हलकों से पता चला है कि पंजाब विधानसभा के सम्पन्न हुए पिछले सत्र में पंजाब सरकार ने विधायकों को मनोनीत करने का बिल भी पास करवा लिया था।
बताया जाता है कि 19 सितम्बर को पंचायती चुनावों के लिए मतदान होना है और उसके बाद 22 सितम्बर को नतीजे घोषित होने हैं। सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी यह मन बनाया है कि अगले महीने बोर्डों व कार्पोरेशनों में नियुक्तियों का कार्य शुरू किया जाना चाहिए। राज्य में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सरकार को अस्तित्व में आए 15-16 महीनों का समय हो चुका है। 50 के लगभग बोर्डों व कार्पोरेशनों में पद खाली पड़े हुए हैं या उन्हें अधिकारियों द्वारा संचालित किया जा रहा है। राज्य में मंत्रिमंडल के सभी स्थान भरे जा चुके हैं। कांग्रेसी भी चाहते हैं कि अब नियुक्तियां हो जानी चाहिएं क्योंकि निम्र स्तर पर सत्ता का विकेंद्रीयकरण करने से ही लोकसभा चुनाव में पार्टी को लाभ मिल सकेगा क्योंकि जिला स्तर पर कई कार्यकत्र्ता चंडीगढ़ तक अप्रोच नहीं कर पाते हैं।
यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री द्वारा ये नियुक्तियां करते समय निष्ठावान नेताओं की तरफ ध्यान रखा जाएगा, जिन्होंने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को उनके 10 वर्षों के वनवास के दौरान साथ दिया था। ऐसे नेताओं की सूची कैप्टन ने पहले ही बनाई हुई है। कुछ विधायकों को समायोजित किया जाएगा तो अन्य पदों पर कांग्रेसी नेताओं को भी एडजस्ट करने का विचार मुख्यमंत्री ने बनाया हुआ है। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया है कि अब इस कार्य में और देरी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव निकट आ रहे हैं। मुख्यमंत्री या उनके निकटस्थ 1-2 अधिकारी ही इस संबंध में जानते हैं कि किन-किन को कैप्टन मनोनीत करने का इरादा रखते हैं। पहली बार है कि कैप्टन ने अपने मन की बात को पूरी तरह से गुप्त रखा हुआ है। अन्यथा जब कैप्टन पहली बार 2002 में मुख्यमंत्री बने थे तो उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य पहले ही लीक हो जाते थे।
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