तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आरोप लगाया है कि उनके राज्य में आने से पहले करोड़ों का लेन-देन करके विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियां हुई हैं। इसके जवाब में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने सफाई देते हुए कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
शिक्षा से जुडे़ एक कार्यक्रम में राज्यपाल पुरोहित ने शनिवार को कहा, “कुलपतियों की नियुक्ति में करोड़ो रुपये का लेन-देन किया गया। मैं इस बात पर विश्वास ही नहीं कर पाया। फिर मैंने तय किया अब चीजों को बदलना होगा। तमिलनाडु के लोगों को यह जानकर खुशी होगी कि मैंने अब तक कुल नौ कुलपतियों का चयन किया है, जोकि पूरी तरह से मेरिट पर आधारित है। इसमें मेरे खिलाफ कोई अंगुली नहीं उठा सकता है। कुलपति से प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक तक की नियुक्ति मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए।”
राज्यपाल के इस बयान ने विपक्षी दलों के आरोपों की पुष्टि की है। विपक्षी दलों का कहना है कि अन्नाद्रमुक सरकार ने राज्य में चल रहे विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति गलत तरीके से की है। पत्ताली मक्कल काची ने फरवरी में इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।