नई दिल्ली। स्पेक्ट्रम नीलामी के चौथे दिन बुधवार को 23वें राउंड में करीब 65000 करोड़ रुपये की बोलियां लगीं। कीमत ज्यादा होने के कारण चौथे दिन भी किसी कंपनी ने प्रीमियम 700 और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की कोई बोली नहीं लगाई। जाहिर है कि शनिवार से शुरू देश में दूसरे दौर की स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी नीलामी में सरकार को उम्मीद से कहीं कम राजस्व मिलेंगे।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हर राउंड में बोलियों का समय एक घंटे से घटाकर 45 मिनट कर दिया गया।जाहिर है कि नीलामी अब निर्णायक दौर में है। गुरुवार को कुछ राउंड के बाद नीलामी खत्म हो जाने के आसार हैं। बुधवार को केवल 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड को मुंबई और उत्तर प्रदेश (पूर्व) सर्किल में हासिल करने के लिए कुछ कंपनियां आखिर तक डटी थीं।
सूत्रों के मुताबिक 800, 2100, 2300 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड को लेकर कंपनियां अपनी अंतिम बोली लगा चुकी हैं। इसमें भी 800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए एक-दो कंपनियों ने हल्की बोली ही लगाई है। चार दिनों में सबसे ज्यादा मारामारी 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम को मची और इसमें अब भी पेंच फंसा हुआ है।
नीलामी में भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, रिलायंस जियो इन्फोकॉम, रिलायंस कम्युनिकेशन्स, आइडिया सेल्युलर, एयरसेल और टाटा टेली हिस्सा ले रही हैं। प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने नीलामी में हिस्सा लेने के लिए जमानत राशि के रूप में 14,653 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। वहीं रिलायंस जियो ने अकेले 6500 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। सरकार ने इस नीलामी के जरिये 98,994.93 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने का लक्ष्य रखा है।
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