हीरा कारोबारी नीरव मोदी की पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ की गई धोखाधड़ी में रकम का आंकड़ा और बढ़ सकता है। फिलहाल यह रकम 13,500 करोड़ रुपये की है जो कर्ज लेकर लौटाई नहीं गई। यह मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा से संबंधित है। लेकिन ताजा जानकारी सामने आई है कि नीरव की फर्मों ने पीएनबी की हांगकांग और दुबई की शाखाओं से भी कर्ज और क्रेडिट सुविधा ली। गड़बड़ी की आशंका से वहां जांच जारी है। पीएनबी ने यह जानकारी जांच एजेंसियों को दी है।
बैंक की रिपोर्ट के अनुसार नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड लिमिटेड, हांगकांग और फायरस्टार डायमंड एफजेडई, दुबई ने वहां की पीएनबी शाखाओं से क्रेडिट सुविधा प्राप्त कर रखी थी। भारत में हुए घोटाले का जैसे ही पता चला दोनों शाखाओं ने कंपनी से क्रेडिट सुविधा वापस ले ली।
दोनों बैंक शाखाओं से नीरव मोदी की कंपनियों का कोई घोटाला फिलहाल सामने नहीं आया है। लेकिन बैंक ने अभी कंपनी को क्लीन चिट भी नहीं दी है। बैंक की अंदरूनी जांच जारी है।
नीरव मोदी समूह की अमेरिका स्थित एक अन्य कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने न्यूयॉर्क की कोर्ट में दीवालिया घोषित होने की अर्जी लगाई है। फरवरी में लगाई गई यह अर्जी कोर्ट ने स्वीकृत कर ली तो अमेरिका स्थित नीरव की कंपनी उसकी देनदारियों से छुटकारा पा जाएगी। वैसे कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए पीएनबी भी पहुंच गई है। उसने आशंका जताई है कि भारत से धोखाधड़ी करके जुटाया गया धन अमेरिका की कंपनी में भी लगाया गया है।
पीएनबी की 162 पेज की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा के कर्मचारियों के एक समूह ने हैसियत का फर्जी पत्र (एलओयू) जारी करके वर्षों तक नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी की कंपनियों की मदद की। इन एलओयू के जरिये दोनों ने विदेश में अरबों रुपये का उधार लेन-देन और कर्ज लिया।
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