टोक्यो। जापान दौरे पर गए नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय कम्युनिटी के लोगों से मुलाकात की। नोटबंदी को लेकर मोदी ने कहा कि पहले लोग गंगा में चवन्नी नहीं डालते थे, अब नोट बहा रहे हैं। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि बेईमानों को नहीं छोड़ूंगा।
आजादी के बाद से अब तक का हिसाब लिया जाएगा। ये भी कहा कि 30 दिसंबर के बाद कोई दूसरी स्कीम नहीं लाऊंगा, इसकी गारंटी नहीं है। इससे पहले मोदी ने जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ बुलेट ट्रेन का सफर किया। वे कोबे स्थित कावासाकी हेवी इंडस्ट्री भी पहुंचे, जहां उन्होंने बुलेट ट्रेन की हाईस्पीड टेक्नीक की जानकारी ली।
भारत में गरीबों ने अमीरी दिखाई…
देश के 40 फीसदी गरीबों को खाता नसीब नहीं था। हमने गरीबों से कहा कि आपके पास एक भी पैसा नहीं होगा तो भी खाता खुलेगा। हमारे देश में गरीबों ने अमीरी दिखाई है। पहली बार गरीबों की अमीरी देखने का सौभाग्य मिला। गरीबों ने बैंक खातों में 45 हजार करोड़ जमा किए। ये है गरीबों की अमीरी। ये वो चीज है जो देश को जैसा चाहती है, वैसा बनाने की ताकत रखती है।
‘सवा सौ करोड़ भारतीयों को नमन करता हूं’
मोदी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला मुश्किल था। मेरी टीम में सब इसके फायदे सोच रहे थे, मैं सोच रहा था कि तकलीफें क्या होंगी। मैं सवा सौ करोड़ भारतीयों को नमन करता हूं कि मुश्किलों के बावजूद उन्होंने देश के लिए फैसले को स्वीकार कर लिया।
मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों को तकलीफ हुई। घर में शादी है, पैसे नहीं थे। मां बीमार थी, हजार का नोट नहीं चल रहा। लेकिन लोगों ने अपना काम किया। उन्होंने राहुल गांधी के बैंक जाने पर भी चुटकी ली। कोई 4 घंटे खड़ा रहा, कोई 6 घंटे। लोगों ने मुंह में उंगली डाल-डाल कर पूछा, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला।
‘नोट वापस करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय’
मोदी ने कहा कि नोट वापस करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय है। पूरे देश के नागरिकों को नोट वापस करने के लिए इतना वक्त पर्याप्त है। जल्दबाजी मत करिए। ऐसा करेंगे तो मुश्किल हो जाएगी। आजादी से आज तक का हिसाब चेक करूंगा। मोदी ने ये भी कहा कि ईमानदारी का पैसा है तो कोई मुश्किल ही नहीं है। ईमानदारों की रक्षा के लिए मैं हमेशा खड़ा हूं, लेकिन बेईमान बचने वाले नहीं।
अगर कोई बेईमान मिला तो आजादी से लेकर आज तक का हिसाब चेक करूंगा। उन्होंने कहा कि पहले गंगा में कोई चवन्नी नहीं डालता था, अब आज देखो, गंगा में नोट बह रहे हैं। चोरी का माल निकलना चाहिए। आम आदमी को शिकायत थी कि एक को फायदा है, दूसरे को नुकसान। पर अब सबके 500 के नोट निकल रहे हैं, मोदी के भी निकल रहे हैं।