केंद्र सरकार ने नवंबर में स्कूली बच्चों को राहत देते हुए उनके बैग के वजन के लिए मानक तय किए थे. लेकिन अभी भी देश के कई स्कूल ऐसे हैं, जो इस नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात के अहमदाबाद में सामने आया है. यहां स्कूली बच्चों के बैग के बैग की मापतौल करने के लिए जिला शिक्षाधिकारी ने खुद स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने गुजरात शिक्षा बोर्ड के 35 स्कूलों का दौरा किया. इस दौरान उन्हें बच्चों के बैग का वजन तय मानकों से अधिक मिला.

अहमदाबाद के 35 स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षाधिकारी ने बच्चों के बैग का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने मापन यंत्र से इन बच्चों के बैग का वजन भी मापा. इसमें उन्हें कक्षा 1 और कक्षा 2 के स्कूली बच्चों के बैग का वजन दो किग्रा से अधिक मिला. इस निरीक्षण पर अधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों का निरीक्षण किया गया है, उनमें अधिकांश में बच्चों के बैग का वजन तय मानकों से अधिक पाया गया है. इसके अलावा कुछ स्कूल नियमों का पालन करते हुए भी पाए गए हैं.
दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने नवंबर में स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए निर्देश जारी किए थे. इसके बाद गुजरात सरकार ने भी अपने शिक्षा बोर्ड के तहत आने वाले स्कूलों को इन नियमों को पालन करने को कहा था. सरकार ने कहा था कि जो स्कूल इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गुजरात सरकार ने इसके लिए सभी जिला शिक्षाधिकारियों और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे स्कूलों का औचक निरीक्षण करें और बच्चों के बैग का मापन करें.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक इस मामले पर गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा ने कहा ‘हमने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे ऐसे स्कूलों की जांच करें और लिस्ट तैयार करें, जो कि इस नियम की अवहेलना कर रहे हैं. हम पहले ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी करेंगे. अगर वे तब भी स्कूल बैग का वजन नहीं घटाते हैं हम उन पर जुर्माना लगाएंगे.’ उन्होंने बताया कि कक्षा 1 और 2 के बच्चों को बिलकुल भी होमवर्क नहीं दिया जाना है. जबकि कक्षा 3 से कक्षा 5 तक के बच्चों को सिर्फ आधे घंटे के हिसाब ही होमवर्क दिया जाना चाहिए. वहीं कक्षा 7 और 8 के बच्चों के लिए यह समय 1 घंटा होना चाहिए.
बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने बच्चों के बस्ते का बोझ तय कर दिया है. पहली बार कक्षा 10वीं तक के बच्चों के बस्ते के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. 10वीं तक के बच्चे अधिकतम पांच किलोग्राम का बस्ता ले जा सकेंगे. सरकार की तरफ से 20 नवंबर को जारी हुए सर्कुलर के मुताबिक, अब पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को घर के लिए होमवर्क नहीं दिया जाएगा.
इसके साथ-साथ कक्षा पहली से दूसरी तक भाषा, गणित विषय से संबंधित केवल दो ही किताबें अनिवार्य हैं, जबकि कक्षा तीसरी से पांचवीं तक भाषा, ईवीएस, गणित विषय की केवल एनसीईआरटी पाठयक्रम की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों ओर केंद्र शासित राज्यों को नोटिस जारी किया है. इसमें सभी को इन आदेशों की पालना करने के निर्देश दिए गए हैं.
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