मुंबई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय के जरिए जहां मोदी पर निशाना साधा है, वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार को भी आडे हाथों लिया है। शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि क्या वे पाक अधिकृत कश्मीर में सेना भेजेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन पाते ही बलूच नेता पाक के विरोध में नारे लगाने लगे। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने अधीन आने वाले कश्मीर और बलूचिस्तान के नेताओं पर दमनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। शिवसेना ने सामना की संपादकीय में लिखा है, पीएम मोदी का समर्थन बलूच नेताओं को भारी पड़ रहा है, उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज हो रहा है। नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ रही है। अब मोदी क्या करेंगे? पाक अधिकृत कश्मीर व बलूच नेताओं को मुक्त करवाने के लिए क्या मोदी कश्मीर में सेना भेजेंगे या बलूच नेताओं पर होने वाले दमन के खिलाफ एक और लंबा-चौडा भाषण ठोंककर उसको केवल धिक्कार करेंगे। सामना ने संपादकीय में आगे लिखा है कि, प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से पाकिस्तान को फटकार लगाई थी। बलूच नेताओं ने पीएम के बयान का स्वागत किया था। इसके बाद बलूचिस्तान, गिलगित की जनता अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ सडक़ों पर उतर आई। वे सब पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्ति चाहते हैं। पर अब पाक की दमनकारी नीतियों का सामना कर रहे हैं। शिवसेना ने सवाल करते हुए कहा है कि आखिर वे अब कौन सा कदम उठाने वाले हैं?
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