लखनऊ। बच्चों के लिए हर गली-मोहल्ले में खुलने वाले प्ले स्कूल के लिए नेशनल गाइडलाइन बनने जा रही है। इससे इनका फ्यूचर बनेगा। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट को सरकार ने इसका जिम्मा सौंपा है। प्ले स्कूलों का कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से बाल आयोग ने इसे गैरकानूनी संस्था माना है।
क्रेच कानून के तहत आएंगे प्ले स्कूल, संस्था को कराना होगा रजिस्ट्रेशन-
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट के मेंबर प्रियंक कानूनगो ने बताया कि देश में बड़े पैमाने पर खुलने वाले प्ले स्कूलों की संख्या का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। इस संबंध में कमीशन ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। इस पर विचार करते हुए मंत्रालय ने हमें प्ले स्कूलों के लिए नेशनल गाइडलाइन बनाने के लिए कहा है। इस गाइडलाइन के बाद सारे प्ले स्कूलों के लिए रजिस्ट्रेशन कंप्लसरी कर दिया जाएगा। इसके अलावा गाइडलाइन के तहत अनफिट पाए जाने वाले प्ले स्कूलों पर कार्रवाई करके उन्हें बंद भी करवाया जाएगा। नई गाइडलाइन तैयार हो रही है। इसमें बच्चों के एज गु्रप को ध्यान में रखकर इसे क्रेच कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करवाने पर विचार हो रहा है।
मानकों पर खरे नहीं हैं प्ले स्कूल, पैरेंट्स देते हैं मोटी फीस-
प्रियंक कानूनगो ने बताया कि प्ले स्कूल पैरेंट्स से उनके बच्चे को बेहतर एजूकेशनल ट्रीटमेंट देने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इसमें कई प्ले स्कूल तो ऐसे हैं जो मानकों पर ही खरे नहीं उतरते हैं। कहीं पर स्थिति इतनी खराब है कि एक ही कमरे में पूरा प्ले स्कूल पार्टिशन करके चलाया जा रहा है। एक सख्त गाइडलाइन बनने से प्ले स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के साथ क्वालिटी एजूकेशन भी दी जा सकेगी। इससे प्ले स्कूल कानून के दायरे में भी आ जाएंगे और सख्त मॉनीटिरिंग की जा सकेगी।