स्कॉटलेंड के उत्तर में 200 मील की दूरी पर स्थित फेरो आईलैंड में व्हेलों के शिकार से पशु प्रेमी एवं एक्टिविस्ट बुरी तरह खफा हैं. फेरो आईलैंड की सामने आई तस्वीरों में दर्जनों मारी हुई व्हेल मछली और उनके खून से लाल हुआ समुद्र का पानी नजर आ रहा है. सीएनएन की खबर के अनुसार, फेरो आईलैंड की सरकार के अनुसार पायलट व्हेलों का शिकार 30 जुलाई को वगार के पश्चिमी आईलैंड के सांडवागुर की खाड़ी में हुआ था. यह कानूनी तौर पर होने वाले शिकारों में से एक था जो हर साल गर्मियों में होता है.
तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के एक दबाव समूह ब्लू प्लेनेट सोसाइटी ने व्हेलों के शिकार की निंदा की और फेरो आईलैंड को प्राचीन देश बताते हुए उसे 21वी शताब्दी में शामिल होने की जरूरत बताई. दबाव समूह ने लिखा कि इन लोगों का कोई सम्मान, कोई सहानुभूति और कोई जरूरत नहीं है. यह उनके लिए मनोरंजन है.
शुक्रवार को सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में फिरोजी सरकार ने व्हेलों के शिकार को प्राकृतिक बताया और अमानवीय होने के आरोपों को खारिज कर दिया. फेरो आईलैंड की सरकार का कहना है कि पायलट व्हेल का मांस और चरबी लंबे समय से उनके देश के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. स्थानीय समुदाय बिना पैसे के बड़े पैमाने पर मांस को साझा करते हैं. प्रत्येक व्हेल समुदायों को कई सौ किलोग्राम मांस प्रदान करता है अन्यथा इसे विदेश से आयात करना पड़ता.
बता दें कि फेरो के नियमों के अनुसार ह्वेल को जितनी जल्दी हो सके बिना दर्द दिए मारना होता है. ह्वेल के शिकार से पहले ट्रेनिंग एवं लाइसेंस लेना जरूरी होता है. आईलैंड में हर साल सैकड़ों ह्वेलों का शिकार किया जाता है. पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संघटन इस हमेशा से विरोध करते आए हैं.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal