पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरि नारायणचारी मिश्र ने बुधवार को कहा कि मौके से मिले सबूतों और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर हम कह सकते हैं कि भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर जान दी। घटना का स्वरूप और प्रकृति एकदम साफ है। उन्होंने खुदकुशी का कदम क्यों उठाया, इसकी कई पहलुओं से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में इस बात के संकेत जरूर मिले हैं कि वह पारिवारिक कलह के कारण से तनाव में थे लेकिन अलग-अलग सबूतों और बयानों की रोशनी में विस्तृत जांच जारी होने के चलते हम उनकी खुदकुशी के वास्तविक कारण को लेकर किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। घटना में जिस रिवॉल्वर का इस्तेमाल हुआ है, उसे जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है। यह पता लगाया जा रहा है कि इसका लाइसेंस किसके नाम पर है।
भय्यू महाराज पंचतत्व में विलीन, बेटी ने दी मुखाग्नि
भय्यू महाराज ने मंगलवार को सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने घर के जिस कमरे में खुद को गोली मारी, वह उनकी बेटी का है। पूना से जब भी बेटी आती थी तो इसी कमरे में रुकती थी। भय्यू को अपनी बेटी से गहरा लगाव था। उसका कमरा अस्तव्यस्त देखकर वह नाराज भी हुए थे। बुधवार सुबह कुछ देर के लिए उनका शव स्कीम नंबर 74 स्थित घर शिवनेरी ले जाने के बाद सूर्या आश्रम पर दर्शनों के लिए रखा गया। उनकी पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी पूरे समय पार्थिव देह के पास रहीं। बड़ी संख्या में समर्थकों और आम लोगों ने अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की।
भय्यू महाराज के अंतिम संस्कार में बड़े नेताओं ने बनाई दूरी
हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। इसके पहले सूर्या आश्रम पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अलावा समर्थकों और अनुयायियों के दर्शनार्थ रखा गया था। भय्यू महाराज के अंतिम संस्कार में मध्य प्रदेश का कोई बड़ा भाजपा या कांग्रेस का नेता शामिल नहीं हुआ। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी नहीं पहुंचे। हालांकि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे पहुंचीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने एसओडी को भेजा था। दोनों राज्यों के कुछ विधायक भी अंतिम विदाई देने वालों में शामिल रहे। इंदौर जिला प्रशासन ने कई वीवीआईपी के पहुंचने की उम्मीद से व्यापक तैयारी की थी।
विनायक भय्यू के निजी काम भी संभालता था
भय्यू महाराज ने अपनी संपत्ति और बैंक खातों की जिम्मेदारी अपने सबसे नजदीकी सेवादार विनायक को सौंपी है। वह मूलत: महाराष्ट्र का रहने वाला है। इंदौर के अपने संपर्कों के जरिए वह भय्यू के नजदीक आया था। कई साल से वह उनके निजी काम भी संभाल रहा था। बेटी कुहू की जिम्मेदारी भी उसके सुपुर्द ही थी। भय्यू महाराज ने जब खुद को गोली मारी तब विनायक घर पर ही मौजूद था। जबकि पत्नी आयुषी किसी काम से बाहर थीं।
रेस्टोरेंट में मिलने वाली महिला कौन थी
इंदौर पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि घटना के एक दिन पहले सोमवार को भय्यू महाराज जिस महिला से मुलाकात करने शहर के एक रेस्टोरेंट पहुंचे थे, वह कौन थी। सीसीटीवी में दोनों की तस्वीर दर्ज हुई है। दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। किसी बात पर बहस भी होते देखी गई। उस वक्त भय्यू महाराज को जानने वाले कुछ अन्य लोग भी रेस्टोरेंट में मौजूद थे। पुलिस इन सबके बारे में पता कर रही है।
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