उज्जैन। त्योहारों के दौरान बाजार गुलजार रहते हैं लेकिन बाजारों में भारतीय उत्पादों से ज्यादा चीनी सामग्री दिखाई दे रही हैं। जिसको लेकर अब विरोध शुरू हो गया हैं। भारतीय सामग्री को बढ़ावा देने और चीनी बाजार को भारत में न बढ़ने देने के लिए देश भर में इसके प्रतिबन्ध की गूँज सुनाई दे रही हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के रतलाम, उज्जैन और खंडवा में चीनी पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
अब चूँकि त्योहारों में दीवाली जो की हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और इसमें पूजा सामग्री से लेकर डेकोरेशन और आतिशबाजी आदि सामानों में चीन निर्मित सामग्री की धूम रहती हैं। दीवाली के त्योहार में सबसे ज्यादा चीन में बने पटाखे बिकते हैं और इनमे सस्ते से सस्ते रसायन इस्तेमाल किये जाते हैं जो की बेहद घातक और जानलेवा होते हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में पूर्ण रूप से चीनी पटाखों की खरीद फरोख्त पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। उज्जैन में लगने वाले कार्तिक मेले में मेड इन चाइना सामान पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, इसके लिए नगर निगम ने बड़ी पहल करते हुए सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया हैं।
वहीं खंडवा में भी कलेक्टर ने विदेशी पटाखों को प्रतिबन्ध लगाने के आदेश पारित किये है, जिसके तहत इसकी बिक्री और भंडारण पर रोक लगाई हैं। रतलाम कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने भी विदेशी निर्मित आतिशबाजी के विक्रय पर प्रतिबंध के आदेश जारी किये हैं। प्रतिबन्ध लगाने के बाद अब किसी भी पटाखा व्यापारी के पास अगर चीनी पटाखे पाए जाते हैं तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। अगर कोई इसकी खरीद फरोख्त या भण्डारण करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी जिसमे 10 साल तक की सजा का प्रावधान हैं।
इससे पहले राज्यमंत्री विश्वास सारंग चीनी सामग्री के विक्रय और खरीदी न करने की अपील कर चुके है। वहीं आल इन्डिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के चेयरमैन औशाफ शाहमीरी खुर्रम ने मुसलमानो से चीन मे बने खाद्य पदार्थ न खाने की अपील की क्योकि उनके अनुसार इसमें सुअर का मीट पाया जाता हैं। पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को आँख दिखाने वाले चीन का भारत में बाजार तेजी से बढ़़ रहा है जो कि चिंताजनक विषय है। वहीं चीनी सामग्री सस्ती होने के साथ साथ खतरनाक भी साबित हो रही हैं। इसलिए अब देश में चीनी उत्पादों पर प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है।