शिलांग : कांग्रेस को अब एक और ओर से बगावत की मार झेलनी पड़ सकती है। कांग्रेस पहले ही अरुणाचल प्रदेश और उतराखंड में बगावती तेवर झेल चुकी है। अब मेघालय से भी कांग्रेस के लिए नई मुसीबत आई है। यहां कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को हटाने की मांग की है।
विधायकों का आरोप है कि संगमा की कार्यप्रणाली तानाशाही है और वो बिना किसी से पूछे फैसले लेते है। बता दें कि हाल ही में तुरा में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह शिकस्त मिली थी। इसमें कांग्रेस ने संगमा की पत्नी दिकांची डी शिरा को उम्मीदवार बनाया था।
उन्हें पूर्व लोकसभा स्पीकर पी एम संगमा के बेटे ने भारी मतों से पटखनी दे दी। बीते दो राज्यों के अनुभवों को देखते हुए कांग्रेस मेघालय के मामले को गंभीरता से ले रही है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने असंतुष्ट विधायकों से मिलने को कहा है।
पार्टी का कहना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करके मामला सुलझा लिया जाएगा। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री संगमा का कहना है कि यह अंरुनी मामला है, इसे अंदरुनी तरीके से सुलझा लिया जाएगा। 60 सदस्यीय इस विधआनसभा में कांग्रेस के पास 30 सीटें है। अन्य सीटें सहयोगी दल राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी व निर्दलीय के पास है।
कांग्रेस के परेशान होने का एक कारण यह भी है कि राज्य की जिम्मेदारी संभालने वाले दो बड़े नेता आपसी कलह में व्यस्त है। एक वी नारायण स्वामी पुदुचेरी में सीएम बनने की जुगत लगा रहे है, तो दूसरी विजयलक्ष्मी मध्य प्रदेश से राज्यसभा जाने की तैयारी में है।
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