दक्षिण श्रीलंका स्थित घाटे में चल रहे मट्टाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन के लिए भारत के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाने पर बातचीत हो सकती है। इस संबंध में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबो पहुंच चुका है। यह जानकारी श्रीलंका के परिवहन उप-मंत्री अशोक अभयसिंघे ने संसद में एक प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने नुकसान के बावजूद एयरपोर्ट बेचने के बात से साफ इन्कार किया है।
मट्टाला एयरपोर्ट का नाम श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया है। यह चीन समर्थित परियोजना थी, जो राजपक्षे के गृहनगर हम्बनटोटा में है। उड़ानों में कमी की वजह से 21 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार यह एयरपोर्ट सबसे खाली एयरपोर्ट बन गया है।
यहां से उड़ने वाली एकमात्र अंतरराष्ट्रीय उड़ान को भी घाटे और उड़ान सुरक्षा मुद्दों के चलते मई में स्थगित कर दिया गया था। सरकार ने 2017 में एयरपोर्ट को मुनाफा कमाने वाला बनाने के लिये निवेशकों को आमंत्रित किया था, लेकिन इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं मिला था।
उधर, राजपक्षे के ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक हम्बनटोटा में बने बंदरगाह को कर्ज की भरपाई के लिए चीन को पट्टे पर दिया जा चुका है। गौरतलब है कि राजपक्षे के नेतृत्व वाला विपक्ष राष्ट्रीय संपदा को चीन को बेचने की बात कहकर सरकार के इस कदम का विरोध कर रहा है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal