उत्तराखंड के सात शहरों में पारा जमाव बिंदु से नीचे पहुंच गया है। कुमाऊं में ठंड ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 24 घंटे के भीतर देहरादून का अधिकतम तापमान 3.2 डिग्री तक गिर गया। जिससे सुबह एवं शाम को ठिठुरन बढ़ गई है। बीते मंगलवार को दून का अधिकतम तापमान जहां 21.6 था, वहीं बुधवार को यह घटकर 18.4 पहुंच गया। प्रदेश के सात शहरों में न्यूनतम तापमान शून्य नीचे दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में भी एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।
उधर, कुमाऊं में ठंड ने 10 साल का रिकार्ड तोड़ा। गुरुवार को अल्मोड़ा, मुनस्यारी व मुक्तेश्वर के बाद पिथौरागढ़ में भी पारा शून्य से नीचे पहुंच गया। मुक्तेश्वर में दिसंबर 1991 में तापमान माइनस 5.7 डिग्री पर पहुंच गया था। इस बार यह माइनस 4.7 दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार आने वाले दो दिनों तक मौसम के मिजाज में बदलाव की संभावना नहीं है। विभाग ने पूरे प्रदेश में शीतलहर और तेज होने की चेतावनी जारी की है।
दून में सात साल बाद न्यूनतम स्तर पर पारा
मैदान से लेकर पहाड़ों तक शीतलहर से उत्तराखंड कांप रहा है। सात साल बाद दून का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले 24 दिसंबर 2011 को दून का न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। उधर, मसूरी का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 8.8 व न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे -2.1 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरुवार को मसूरी इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी दो दिनों में राज्य के अनेक हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप और बढ़ने की संभावना जताई है। देहरादून में कड़ाके की ठंड से लोग बेहाल हैं, पिछले दो दिनों से दिन में भी शीतलहर ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उधर, मसूरी में दिन में अच्छी धूप खिलने के बावजूद ठंड से आम जनजीवन प्रभावित रहा। दिन ढलते ही लोग ठंड के प्रकोप के कारण घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
शीतलहर से स्थानीय लोगों के साथ सैलानी भी परेशान हैं। गुरुवार सुबह आठ बजे तक मसूरी का तापमान शून्य से नीचे बना हुआ था। मसूरी के अलावा कैंम्पटी रोड, वैवरली-हाथी पांव रोड, और जबरखेत-बाटाघाट रोड पर जगह-जगह पाला जम गया है। जिससे दुपहिया वाहनों के रपटने का खतरा बना हुआ है। कंपनी गार्डन झील का पानी लगातार चार दिनों से रात्रि में जम रहा है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर पालिका द्वारा शहर के दो दर्जन से अधिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था भी की है।