देहरादून में पढ़ रहे जिस कश्मीरी छात्र के आतंकी संगठन में शामिल होने की बात सामने आ रही है, उसका पिता भी कश्मीर के दहशतगर्दों में शामिल था। बताया जा रहा है कि उसके पिता को 90 के दशक में सुरक्षा बलों ने एक ऑपरेशन के तहत मार गिराया था।
हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि छात्र देहरादून से गायब होकर वास्तव में आतंकी संगठन में शामिल हुआ है या नहीं। मामले में राज्य की इंटेलीजेंस और मिलिट्री इंटेलीजेंस साथ मिलकर तमाम जानकारियां जुटा रही है।
बता दें कि देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र स्थित एक शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले कश्मीर मूल के छात्र शोएब के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहीद्दीन में शामिल होने की बात कही जा रही है। छात्र संस्थान से कई महीने पहले गायब हो गया था। मामला चूंकि देश की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए पुलिस अधिकारी भी ज्यादा कुछ बताने से कतरा रहे हैं।
90 के दशक में आतंकी संगठन का हिस्सा था
अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि शोएब के आतंकी संगठन में शामिल होने की सूचना उसकी मां ने कश्मीर पुलिस को दी थी। शोएब की मां ने सोशल मीडिया पर अपने बेटे का हथियारों के साथ फोटो देखा तो उससे वापस लौटने की अपील भी की थी।
कश्मीर पुलिस ने शोएब की गुमशुदगी दर्ज की और सुरक्षा बलों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सेना के कुछ अधिकारियों ने शोएब के घर और दून स्थित संस्थान में उसके बारे में जानकारी जुटाई थी।
इधर, सूत्रों का कहना है कि उसका पिता भी 90 के दशक में आतंकी संगठन का हिस्सा था। इसी दौरान एक ऑपरेशन के तहत कई दहशतगर्दों के साथ साथ उसके पिता को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
शोएब अपने पिता की मौत के छह माह बाद पैदा हुआ था। बताया जा रहा है कि शोएब बीती 19 सितंबर को भी देहरादून आया था, मगर अगले ही दिन वह अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर वापस चला गया था।