भिण्ड। लहार अपर सत्र न्यायलय के न्यायाधीश एसडीएम शर्मा ने लहार के पूर्व एसडीएम पर हुए जानलेवा हमले के दस आरोपियों में से छह को पांच-पांच वर्ष की सजा के साथ अर्थदण्ड से दण्डित करने का फैसला सुनाया तथा चार आरोपियों को दोष मुक्त किया। सजायाफ्ता आरोपियों में पूर्व विधायक रसाल सिंह के अनुज शामिल है।
अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 11 जून 2014 को लहार के तत्कालीन एसडीएम राजेश राठौर ने लहार थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उन्हें पूर्व रसाल सिंह ने सूचना दी थी कि मडोरी पर्यायच रेत खदान पर अवैध उत्खनन चल रहा है। इस सूचना पर मैं मेरा सुरक्षा गार्ड विनोद शर्मा, नायब तहसीलदार नवीन भारद्वाज, आरआई रामसेवक मांझी, पटवारी जुबेर कुरैशी व एएसआई नरेन्द्र सिंह चौहान सहित पुलिस वल सहित दो अलग-अलग बाहनों में हमारे साथ थे, जब मेरा वाहन मडोरी धौर पर्यायच से भ्रमण करके लौट रहा था, तो मेहरा मोड़ पर अचानक से एक गाड़ी ने मुझे ओवरटेक किया एवं उसके साथ दो मोटर साईकिल और थी ओवरटेक कर मेरी गाड़ी रोक ली और मुझे संजीव पुत्र पप्पू एवं योगेन्द्र उर्फ पप्पू राजपूत ने दाएं-बाएं का गेट खोलकर एकराय होकर मारपीट करने लगे तथा मेरे साथ बैठे स्टाफ से भी मारपीट की । उसी समय मेरे चालक ने गाड़ी भगा दी तो पीछे से मेरी गाड़ी के ऊपर गोली दाग दी, जिससे मैं बच गया।
इस घटना में मेरे ऊपर हमला करने वालों में संजीव पुत्र योगेन्द्र सिंह, पप्पू उर्फ योगेन्द्र पुत्र महेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह पुत्र वीरेन्द्र सिंह, कपिल पुत्र लाखन सिंह, शिवेन्द्र पुत्र वीरेन्द्र सिंह, रामपाल पुत्र गजेन्द्र सिंह, शिवकुमार पुत्र वीरेन्द्र सिंह, कुंअर साहब पुत्र भोकम सिंह, सुनील पुत्र मुन्नीलाल, दीपू उर्फ दीपेन्द्र पुत्र नरेन्द्र सिंह आदि के खिलाफ लहार थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई, बाद में लहार पुलिस ने उक्त घटना की जांच कर 10 आरोपियों के खिलाफ अपराध क्र.118/14 के तहत शासकीय कार्य में बाधा सहित जानलेवा हमले का मामला दर्ज कर लिया।
उक्त प्रकरण में न्याय हेतु लहार पुलिस द्वारा न्यायलय प्रकरण पेश किया। न्यायलय ने साक्ष्य और गवाहों के कथनों को सुनने के बाद इस प्रकरण में छह लोगों को दोषी पाया दोषियों में आरोपी भूपेन्द्र सिंह पुत्र वीरेन्द्र सिंह निवासी चाचीपुरा, कपिल पुत्र लाखन सिंह निवासी लालपुरा, शिवेन्द्र पुत्र वीरेन्द्र सिंह निवासी चाचीपुरा, संजीव पुत्र योगेन्द्र सिंह उर्फ पप्पू निवासी मलपुरा, योगेन्द्र सिंह उर्फ पप्पू पुत्र महेन्द्र सिंह निवासी मलपुरा, रामपाल सिंह पुत्र गजेन्द्र सिंह निवासी चाचीपुरा आदि आरोपियों को न्यायाधीश पीके शर्मा ने घटना का दोषी पाया।
न्यायाधीश शर्मा ने दोषी आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा तथा 50-50 हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दण्डित करने का फैसला सुनाया अर्थ दण्ड जमा न होने पर दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया। उक्त प्रकरण में शासकीय अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सुधीर पिहानी ने की। उक्त घटना में शेष चार आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया।