कोलकाता। एसीड हमले व दुष्कर्म के एक दोषी को बारासात अदालत ने सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उसे 50 हजार रुपये भी जमा करने का निर्देश दिया है। रुपये की अदायगी नहीं होने पर उसे पांच वर्ष और सजा भुगतना पडेगा। सजायाफ्ता दोषी का नाम जमालुद्यीन उर्फ जमाल है।
सरकारी वकील विप्लव राय ने कहा कि जमालुद्यीन ने 30 नवम्बर 2010 को 26 वर्षीया एक युवती के उपर मछलन्दपुर स्टेशन परिसर में एसीड फेंका था। उन दिनों दोषी आमडांगा इलाके में माकपा नेता के रुप में परिचित था। हमले के बाद उसने पीडिता को कानून की सहायता नहीं लेने का डर भी दिखाया। पीडिता इलाज कराने गई तो उसे जबरन डॉक्टर के सामने से उठा लिया गया। पीडिता डरकर थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं कराई। इतना ही नहीं दोषी ने पीडिता की मां को थाने नहीं जाने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। दोषी का जुल्म यहीं आकर नहीं रुक गया।
24 दिसम्बर 2012 को पीडिता का आमडांगा इलाके से अपहरण किया गया। लगातार कई महीने तक उसके साथ जुल्म दोषी ने कियाŸ। 2 जनवरी को पुलिस पीडिता तक पहुंची। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने दोषी को गिरफ्तार कर लिया। अदातल में तीन वर्ष नौ महीने यह मामला चला। 22 गवाहों के बयान अदालत ने लिए। बुधवार को फास्ट ट्रैक अदालत वन की न्यायाधीश श्रीमयी कुंडु ने दोषी जमाल को उम्रकैद की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
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