नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने शुक्रवार को यहां कहा कि पिछले 15 सालों में चीन की अर्थव्यवस्था 2 से 10 ट्रिलियन डॉलर की हो गई। अभी भारत की अर्थवयवस्था 2 ट्रिलियन के करीब है उसे भी आने वाले 15 सालों में ऐसा ही विकास करना होगा।
श्री पनगड़िया दिल्ली में नीति आयोग और चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग(एनडीआरसी) के सहयोग से फिक्की द्वारा आयोजित चीन और भारत के व्यापार प्रतिनिधियों के भारत चीन निवेश सम्मेलन में वक्तव्य दे रहे थे। भारत चीन सामरिक आर्थिक वार्ता (एसईडी) से इतर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत और चीन विश्व में आर्थिक मंदी से जुड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आशा की किरणें हैं।
दोनों देश विशिष्ट रूप से वैश्विक प्रयास का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं ताकि सतत विकास लक्ष्यों और 2.6 अरब लोगों के जीवन में सुधार के लिए योगदान दिया जा सके। उन्होंने कहा कि हाल के समय में दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना है और दोनों देशों का आपसी व्यापार 71 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के यहां विकास के चलते उपजे नए क्षेत्रों में कदम रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल सुविधाएं मुहैया कराती है, असल काम तो उद्योग जगत करता है। वहीं राज्य नीति आयोग की इस पहल का साथ दे रहे हैं जो इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि इस सम्मेलन में 11 राज्यों ने भागीदारी की है।
चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) के अध्यक्ष और चीनी प्रतिनिधिमंडल के नेता जू शाओशी ने कहा कि दोनों देशों को क्षेत्रीय सहयोग और आपसी संपर्क को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि चौथे भारत चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता में भारत और चीन का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योगों के बीच सहयोग के करीब 16 समझौतों पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्यों ने उन क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी है जो चीनी निवेश के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने चीनी प्रतिनिधिमंडल को उनके यहां की औद्योगिक और विनियामक नीतियों के बारे में जानकारी दी और उन क्षेत्रों के बारे में बताया जहां निवेश की संभावनाएं हैं।
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