लखनऊ। मुलायम एक बार फिर गुस्से में दिखाई पड़े। उन्होंने कहा यदि नेताओं और मंत्रियों का आचरण ऐसा ही रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल हो जायेगा। समाजवादी पार्र्टी के मंत्री, नेता और कार्यकर्ता जमीन कब्जाने और पैसा कमाने में जुटे हुए हैं। पार्टी नेताओं और मंत्रियों की गतिविधियों की उन्हें पूरी जानकारी है। उन्होंने कहा कार्यकर्ता से कहा ऐसे मंत्रियों और नेताओं और पर निगरानी रखें और इसकी जानकारी पार्टी के वरिष्ठजनों को दें। जो ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पूर्व प्रथम समाजवादी प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। सपा सुप्रीमों ने एक बार फिर से पार्टी पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकताओं की गतिविधियों की उन्हें पूरी जानकारी होती है। कोई कार्यकर्ता ऐसा नही समझे कि वह क्या कर रहा है इसकी जानकारी पार्टी को नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हिदायत देते हुए कहा कि यदि कोई पदाधिकारी, नेता और मंत्री जमीनों पर कब्जा करने और पैसा कमाने में जुटा है तो वह इसकी जानकारी वरिष्ठजनों को दें। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाजवादी पार्टी को प्रदेश की सत्ता में पूर्ण बहुमत के मुकाम तक पहुंचाने के बावजूद संगठन का ढुलमुलपन, मंत्रियों का जनता व कार्यकर्ताओं से कटा होना, उनके खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई न होना उन्हें खलता है। उन्होंने कहा कि वे संवेदनशील हैं, लेकिन फैसले लेने में सख्त भी हैं। जब भी वे पार्टी कार्यक्रमों में होते हैं, अपने मन की बात कहने से नहीं चूकते। जहां भी उन्हें खामी नजर आती है, बताते हैं। सुधार के लिए खरी-खरी सुनाते हैं। फिर चाहें वह मुख्यमंत्री हों, मंत्री, विधायक, अध्यक्ष या दूसरे नेता। पिछले तीन-चार कार्यक्रमों में उन्होंने मंत्रियों के कामकाज के तौर-तरीकों पर ऐतराज जताया था। कहा था कि उन्हें सब जानकारी है कि कौन क्या कर रहा है। उन्होंने मंत्रियों को सुधरने की हिदायत भी दी थी लेकिन कोई बदलाव नहीं दिखा। लिहाजा पिछले दिनों उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो ज्यादातर मंत्री चुनाव हार जाएंगे। एक तरफ जहां सपा मुखिया मुलायम सिंह की नाराजगी की अपनी वजह हैं, वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अपनी विवशताएं हैं। वे मुख्यमंत्री और सपा के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ ही नेताजी के पुत्र भी हैं। पिता के सहयोगी उनकी कैबिनेट में शामिल हैं। उन पर कार्रवाई करना तो दूर, वे उनके कामकाज का हिसाब तक नहीं ले पा रहे। सपा मुखिया मुलायम सिंह का साधारण किसान परिवार से निकलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सफर संघर्षों से होकर गुजरा है।