लखनऊ। यूपी की आबादी लगभग 21 करोड़ है और यहां के विधायकों का वेतन बढऩे के बाद एक लाख पच्चीस हजार माहवार हुआ है। देश में 29वां राज्य बने तेलंगाना की आबादी मात्र साढ़े तीन करोड़ है यानि यूपी का छठवां हिस्सा और यहां के विधायकों का वेतन है ढाई लाख रुपए महीना। यही नहीं ऐसे ही एक अन्य छोटे राज्य हरियाणा के विधयकों का वेतन भी बढक़र दो लाख दस हजार रुपए हो गया है। यूपी के विधायकों का वेतन बढऩे से जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ लोगों में इस पर आश्चर्य के साथ ही गुस्सा भी है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि विधायकों के वेतन के मामले में यूपी से ऊपर कई राज्य हैं। दिल्ली वैसे तो एक राज्य है और यहां एक निर्वाचित सरकार भी है जिसके मुखिया अरविंद केजरीवाल हैं। हालांकि दिल्ली को अभी पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है, यहां के सुपर बॉस राज्यपाल हैं। दिल्ली की जनसंख्या मात्र सवा करोड़ और कुल क्षेत्रफल 1484 वर्ग किमी है। महाराष्ट्र की जनसंख्या भी करीब यूपी से कम करीब सवा बारह करोड़ है। यहां के विधायकों का वेतन भी यूपी के विधायकों से अधिक एक लाख सत्तर हजार रुपए मासिक है। बिहार के विधायक भी यहां से विधायकों से अधिक वेतन पाते हैं। उनका वेतन एक लाख इकतालीस हजार रुपए प्रति माह है। आंध्र प्रदेश के विधायकों का वेतन बिल्कुल यूपी के बराबर है। मध्य प्रदेश के विधायकों का वेतन यूपी से कम है। वहां के विधायकों को एक लाख दस हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है।
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