लखनऊ। अखिलेश सरकार यूपी को पर्यटन प्रदेश बनाने के सपनों को पूरा करने के लिए नए-नए ऑफर ला रही है। पिछले दो वर्षों में टैक्स फ्री फिल्मों का रिकॉर्ड बनाने के बाद अब थीम पार्कों के लिए पिटारा खोला गया है।
इनको मिलेगी पांच वर्षों तक टैक्स से राहत –
प्रदेश में नव निर्मित थीम पार्क, वाटर पार्क और एम्यूजमेंट पार्कों के लिए सरकार अगले पांच वर्षों तक मनोरंजन कर में छूट का प्रावधान कर दिया है। हालांकि टैक्स राहत की अवधि समाप्त हो जाने के बाद थीम पार्कों को बंद नहीं किया जा सकेगा। पार्क बंद होने पर 18 फीसद सलाना ब्याज दर के हिसाब से वसूली का रास्ता भी निकाला गया। प्रमुख सचिव बीरेश कुमार ने पूरे मामले में मनोरंजन कर आयुक्त को योजना को अमली जामा पहनाने के निर्देश दे दिए हैं। लम्बे समय से प्रदेश को पयर्टन मानचित्र पर नंबर वन बनाने की कोशिश में जुटी अखिलेश सरकार ने मनोरंजन कर विभाग को जिम्मा सौंपा है। 22 से 24 फीसद सलाना बढ़ोतरी कर रहे उद्योग के जरिए ज्यादा से ज्यादा टूरिस्टों को रिझाने की योजना है। इसके लिए थीम पार्क, वाटर पार्क और एम्यूजमेंट पार्कों में माल से लेकर मल्टी विंडो थियेटरों को स्थापित किया जा सकेगा। सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए निर्माणाधीन और नवनिर्मित पार्कों को अगले पांच वर्षों तक आमोद एवं पणकर अधिनियम 1971 की धारा 11 में मनोरंजन कर से राहत देने का फैसला लिया है।
सरकार में हाल के वर्षों में टैक्स से छूट मिलने की अवधि के बाद बंद होने वाले मॉल और मल्टीप्लेक्स से सबक लेते हुए सख्त नियम भी बनाए हैं जिससे टैक्स छूट की अवधि समाप्त होने के बाद थीम पार्कों को आसानी से बंद न किया जा सके। नए नियम के अनुसार कर छूट की अवधि समाप्त हो जाने के पांच वर्षों तक थीम पार्कों को बंद नहीं किया जा सकेगा। इस अवधि में विभिन्न आमोदों पर कर देना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि में टैक्स न देने या फिर शासनादेश का उल्लंघन करने पर टैक्स छूट की समस्त धनराशि 18 फीसद सालाना ब्याज दर के अनुसार वसूली जाएगी। साथ ही साथ पार्कों के संचालन के पहले जिला मजिस्ट्रेट स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
गौरतलब है कि बीते पांच वर्षों में देशभर में एकल पर्दे वाले सिनेमाघरों की संख्या 12,000 से घटकर 8,000 रह गई है। जबकि प्रदेश में 60 फीसद सिंगल विंडो सिनेमा बंद हो गए हैं। भारी भरकम टैक्स के कारण थीम पार्कों का भी हाल के वर्षों में बुरा हाल रहा है। ऐेसे में सरकार की नई पहल पर्यटन उद्योग के लिए उम्मीद जगाने वाली है।