नयी दिल्ली। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास ने आज कहा कि मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण पिछले दिनों दालों की कीमतें बढ़ी थी।
दलहनों के इस साल अत्यधिक पैदावार होने की उम्मीद है। जिससे इनके मूल्य के नियंत्रण में रहने की आशा है।
पासवान ने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस समारोह के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बार दलहनों की बम्पर पैदावार हुई है। कृषि मंत्रालय को 200 लाख टन दलहनों के उत्पादन का अनुमान है। देश में 240 लाख टन दालों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, दालों की जमाखोरी नहीं हुई तो इसके आयात की जरूरत नहीं होगी।
देश में दालों का अभी 7.50 लाख टन का बफर स्टाक है। 3.5 लाख टन दलहनों की घरेलू स्तर पर खरीद हुई है। 4 लाख टन का आयात किया गया है। पहले बाजार मूल्य पर दलहनों की खरीद की गई थी लेकिन अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद की जा रही है। मोजाम्बिक, म्यांमार और आस्ट्रेलिया से दालों का आयात किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है और सार्वजनिक प्रणाली के लिए इसका पर्याप्त भंडार है। खुले बाजार में गेहूं की कीमतें बढऩे लगी थी जिसके कारण इस पर आयात शुल्क शून्य कर दिया गया है। पहले इस पर 10 % का आयात शुल्क था।
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