कुशीनगर। नारायणी नदी पर बने वाल्मिकीनगर बैराज का फाटक टूट गया है। जिससे आस-पास के दर्जनों गांवों में पानी भर गया है। हजार एकड़ से अधिक पर लगी गन्ना, धान की फसल बरबाद हो गई है। वहीं राज्य सरकार का बाढ़ खंड विभाग सुस्त राहत कार्य के लिए बजट कमी को जिम्मेदार बता रहा है। नेपाल से निकलकर उत्तरप्रदेश में बहने वाली नारायणी नदी के वाल्मिकीनगर बैराज से लगातार पानी निकल रहा है। शुक्रवार एवं शनिवार को बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी का निकला। बताया जा रहा है कि बैराज का एक फाटक क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का निकलना जारी है। बैराज से निकला पानी आस-पास के गांवो में घुसने लगा है। वरही तहसील के अहिरौलीदान व पिपराघाट के लोगों का पलायन जारी है। खड्डा तहसील के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग नदी के बढ़ते जलस्तर से बचाव की तैयारियों में लग गए है। वहीं राज्य सरकार का बाढ़ खंड विभाग बजट नहीं होने की बात कह रहा है। अधिशासी अभियंता वी. पी. सिंह का कहना है कि बचाव व मरम्मत कार्य के लिए शासन को बजट प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। दूसरी ओर डीएम शम्भु कुमार का कहना है कि प्रभावित लोगों के पुर्नवास व भोजन आदि के लिए प्रशासन व्यवस्था में लगा है।
नारायणी नदी के बैराज का फाटक टूटा, दर्जनों गांव जलमग्न
कुशीनगर। नारायणी नदी पर बने वाल्मिकीनगर बैराज का फाटक टूट गया है। जिससे आस-पास के दर्जनों गांवों में पानी भर गया है। हजार एकड़ से अधिक पर लगी गन्ना, धान की फसल बरबाद हो गई है। वहीं राज्य सरकार का बाढ़ खंड विभाग सुस्त राहत कार्य के लिए बजट कमी को जिम्मेदार बता रहा है। नेपाल से निकलकर उत्तरप्रदेश में बहने वाली नारायणी नदी के वाल्मिकीनगर बैराज से लगातार पानी निकल रहा है। शुक्रवार एवं शनिवार को बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी का निकला। बताया जा रहा है कि बैराज का एक फाटक क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का निकलना जारी है। बैराज से निकला पानी आस-पास के गांवो में घुसने लगा है। वरही तहसील के अहिरौलीदान व पिपराघाट के लोगों का पलायन जारी है। खड्डा तहसील के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग नदी के बढ़ते जलस्तर से बचाव की तैयारियों में लग गए है। वहीं राज्य सरकार का बाढ़ खंड विभाग बजट नहीं होने की बात कह रहा है। अधिशासी अभियंता वी. पी. सिंह का कहना है कि बचाव व मरम्मत कार्य के लिए शासन को बजट प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। दूसरी ओर डीएम शम्भु कुमार का कहना है कि प्रभावित लोगों के पुर्नवास व भोजन आदि के लिए प्रशासन व्यवस्था में लगा है।
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