लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा के बीच चल रहे गाली विवाद पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को दोनों दलों पर तंज कसा। यादव ने कहा कि अदब के शहर लखनऊ में बसपा नेताओं ने जो अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो गलत है। मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास, पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा और बसपा के बीच गाली विवाद को लेकर मचे घमासान पर तीखी टिप्पणी की। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ जो कुछ बोला था, वह गलत था, लेकिन बसपा नेताओं ने कुछ ज्यादा ही गलत किया। अदब के शहर लखनऊ में उन्हें इस तरह की गंदी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कानून अपना कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार नजदीक आ रहा है। ऐसे में भाजपा नेताओं को चाहिए वे बसपा सुप्रीमो बहन मायावती से माफी मांग लें। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले जब भाजपा के सहयोग से मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं को रक्षाबंधन पर राखी बांधी थी। मुख्यमंत्री का इशारा उसी तरफ था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान लोगों को यह भी चेताया कि यदि बुआजी (मायावती) पुनः सत्ता में आईं तो जूता-चप्पल बाहर रख कर उनके कक्ष में प्रवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादियों की सरकार प्रदेश का सर्वांगीण विकास करना चाहती है जबकि अन्य दल समाज में कटुता भरने का काम कर रहे हैं।
बसपा ने तो भाजपा से भी अभद्र भाषा अपनाई : अखिलेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा के बीच चल रहे गाली विवाद पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को दोनों दलों पर तंज कसा। यादव ने कहा कि अदब के शहर लखनऊ में बसपा नेताओं ने जो अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो गलत है। मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास, पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा और बसपा के बीच गाली विवाद को लेकर मचे घमासान पर तीखी टिप्पणी की। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ जो कुछ बोला था, वह गलत था, लेकिन बसपा नेताओं ने कुछ ज्यादा ही गलत किया। अदब के शहर लखनऊ में उन्हें इस तरह की गंदी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कानून अपना कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार नजदीक आ रहा है। ऐसे में भाजपा नेताओं को चाहिए वे बसपा सुप्रीमो बहन मायावती से माफी मांग लें। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले जब भाजपा के सहयोग से मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं को रक्षाबंधन पर राखी बांधी थी। मुख्यमंत्री का इशारा उसी तरफ था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान लोगों को यह भी चेताया कि यदि बुआजी (मायावती) पुनः सत्ता में आईं तो जूता-चप्पल बाहर रख कर उनके कक्ष में प्रवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादियों की सरकार प्रदेश का सर्वांगीण विकास करना चाहती है जबकि अन्य दल समाज में कटुता भरने का काम कर रहे हैं।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal