नई दिल्ली। बातचीत और आतंकवाद के एक साथ नहीं चलने की बात पर जोर देेते हुए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को लक्षित हमले के जरिए भेजे गए संदेश को दुनिया भर में समर्थन मिला और इसको लेकर ‘स्पष्ट सहमति’ है कि आतंकवाद का प्रायोजन भी जघन्य अपराध है।
वह अपने साथी मंत्री एमजे अकबर के साथ विदेश मंत्रालय की ढाई साल की उपलब्धियों को लेकर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
कहा कि पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखने का इरादा नहीं बदला है लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ‘हिंसा के साए और गोलियों की बौछार के बीच’ बातचीत नहीं हो सकती।
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा, ‘‘लक्षित हमला करने का मकसद पाकिस्तान को यह एहसास दिलाना था कि हम निरंतर चलने वाले आतंकवाद को अपने संबंध में एक आम बात की तरह स्वीकार नहीं करेंगे।
संबंध को सामान्य बनाने के लिए बार बार की गई पहल से हमारा नेक इरादा जाहिर हुआ है। बहरहाल, हमने अक्सर कहा है कि बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते।”
भारत-पाक संबंधों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए अकबर ने कहा कि आतंकवाद को लेकर भारत का मजबूत रुख 2016 की बडी उपलब्धि है और विश्व स्तर पर यह सहमति है कि सभी तरह का आतंकवाद अस्वीकार्य है और आतंकवाद का प्रयोजन आतंकवाद की तरह जघन्य है।