राज्य के भीतर वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़ा बढ़ाने के निर्णय को लागू करने में राज्य परिवहन प्राधिकरण के कदम ठिठक रहे हैं। तकरीबन एक पखवाड़े पहले किराया बढ़ाने के निर्णय को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इससे वाहन संचालकों में भी रोष बढ़ रहा है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण की तीन जुलाई को हुई बैठक में व्यावसायिक वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़ा लगाने पर मुहर लगी थी। इस दौरान यह निर्णय लिया गया था कि वाहनों का किराया कुछ वाहनों में किलोमीटर व कुछ में एकमुश्त बढ़ाया जाएगा। यह भी कहा गया कि चूंकि, हर प्रकार के वाहन का किराया किलोमीटर के हिसाब से अलग-अलग है इसलिए वाहनों के प्रकार के हिसाब से इनकी दरों का निर्धारण कर इन्हें सार्वजनिक किया जाएगा। इस निर्णय के बाद से ही वाहन संचालक एसटीए के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, प्रदेश में लंबे समय से बस, विक्रम, टैंपो, टैक्सी व ट्रक संचालक किराया बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। एसटीए द्वारा वर्ष 2012 के बाद से इनका किराया नहीं बढ़ाया गया है। इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर परिवहन मुख्यालय ने किराया निर्धारण समिति का गठन किया था। इस समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में किराया बढ़ाने को संस्तुति की थी। समिति की रिपोर्ट के बाद दो बार एसटीए की बैठकें हुई लेकिन इन पर कोई निर्णय नहीं हो पाया।
इसी माह यानी तीन जुलाई को हुई बैठक में किराया बढ़ोतरी पर मुहर लगी थी लेकिन इसके आदेश अभी तक जारी नहीं हो पाए हैं। हालांकि, जानकारों की मानें तो पुलिस मुख्यालय में किराया सूची तैयार हो रखी है लेकिन बैठक के कार्यवृत्त में अभी तक अधिकारियों व नामित सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं। इसके चलते यह सूची नहीं जारी हो पा रही है। अपर परिवहन आयुक्त व सचिव एसटीए सुनीता सिंह का कहना है कि किराया बढ़ोतरी के संबंध में जल्द सूची जारी कर दी जाएगी।