Saturday , October 12 2024
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव सिंह की टीम में शामिल बीजेपी के युवा नेता शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की कई वजह गिनाए हैं. अपने ब्लॉग में शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी की अच्छी और खराब बातों के बारे में विस्तार से बताया है. शिवम ने मोदी सरकार पर ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है. साथ ही अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की संदिग्ध मौत और जज लोया की मौत मामले की जांच और बीजेपी विधायकों पर लगे रेप के आरोप में बचाव को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवम ने अपने ब्लॉग की शुरुआत बीजेपी सरकार की अच्छाइयों से की है. जिसमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बिजली कनेक्शन घर-घर तक पहुंचाने का जिक्र है. बीजेपी में क्या है अच्छा? 1. सड़क निर्माण कार्य में पहले से तेजी आई है और सड़कों की लंबाई के बारे में भी मानक पहले से बदलने के बावजूद सड़क बनाने का काम पहले से काफी तेज गति से हो रहा है. Shivam Shankar Singh @ShivamShankarS I am resigning from #BJP and for anyone who cares to know, here's why: https://medium.com/@INshivams/why-i-am-resigning-from-bjp-43b489d97777 … 12:18 PM - Jun 17, 2018 Why I am resigning from BJP: – Shivam Shankar Singh – Medium Political discourse is at it’s lowest point in the country, at least in my lifetime. The partisanship bias is unbelievable and people… medium.com 3,419 2,524 people are talking about this Twitter Ads info and privacy 2. बिजली के कनेक्शन में तेजी आई है सभी गांवों में बिजली के कनेक्शन पहुंचें है और लोगों को पहले से ज्यादा घंटों के लिए बिजली मिल रही है. (कांग्रेस ने 5 लाख गांवों में बिजली पहुंचाई और मोदी सरकार ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाकर काम पूरा कर दिया तो ये सरकार की कितनी उपलब्धि है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.) 3. ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार कम हुआ है सरकार में मंत्रियों के लेवल पर कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं आया है लेकिन ऐसा ही यूपीए वन के समय भी था तो इसमें क्या खास है. हालांकि निचले स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार की हालत वैसी ही है. 4. स्वच्छ भारत मिशन सफल रहा है और पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है और लोगों के दिमाग में भी स्वच्छता ने स्थान लिया है. 5. उज्जवला योजना एक शानदार पहल है लेकिन कितने लोग दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं ये जानना बाकी है. पहला सिलेंडर और स्टोव मुफ्त मिलता है पर अब इसके लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं. जब से स्कीम शुरू हुई तबसे सिलेंडर दोगुना हो चुका है और अब इसे भरवाने के लिए 800 रुपये तक लग जाते हैं. 6. उत्तरी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कनेक्टिविटी निश्चित तौर पर बेहतर हुई है, ज्यादा ट्रेन चली हैं, सड़के हैं, फ्लाइट्स हैं और सबसे खास तौर पर ये इलाके अब मुख्यधारा के न्यूज चैनलों के चर्चा के विषय भी हैं. 7. राज्यों में कानून और व्यवस्था में अच्छी बेहतरी देखी गई है. क्या है खराब? 1. इलेक्टोरल बॉन्ड्स: इनके जरिए भ्रष्टाचार को कानूनी जामा पहना दिया गया है और इसके जरिए कोई भी कॉर्पोरेट या विदेशी शक्ति हमारी राजनीतिक पार्टियों को खरीद सकती हैं. बॉन्ड के बारे में किसी को पता नहीं चलता है ऐसे में अगर कोई कॉरपोरेट किसी खास पॉलिसी को लागू कराने के लिए 1 हजार करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टी को देता है तो जाहिर है कि उसका काम हो जाएगा. 2. प्लानिंग कमीशन रिपोर्ट: यह डेटा के लिए एक बेहद बड़ा सोर्स था. प्लानिंग कमीशन में सरकारी योजनाओं का आकलन होता था और फिर सुनिश्चित किया जाता था कि योजनाओं पर काम कैसे चल रहा है. अब कोई ऑप्शन नहीं है. जो भी डेटा सरकार देती है उसपर भरोसा करना पड़ता है. इसकी जांच के लिए कोई साधन नहीं है., 3. सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल: जहां तक मैंने देखा कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है. हालांकि अगर ऐसा नहीं भी है तो जो लोग मोदी और शाह के खिलाफ बोलेंगे उन्हें इन एजेंसियों का डर है. ये एक स्वस्थ लोकतंत्र को खत्म करने के लिए काफी है. कांग्रेस का बड़ा आरोप, RSS के कहने पर जज लोया की मौत के मामले में SC में राजनीति से प्रेरित PIL दाखिल की गई 4. कालिखो पुल (अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री), जज लोया, शोहराबुद्दीन मर्डर केस की जांच में नाकाम रहे. उन्नाव में ऐसे विधायक को बचाने का प्रयास किया गया जिसपर रेप और पीड़ित के पिता की हत्या का आरोप है. इस मामले में FIR एक साल बाद दर्ज की गई. 5. नोटबंदी: बीजेपी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि नोटबंदी नाकाम रहा. नोटबंदी से टेरर फंडिंग को रोकने, कैश को कम करने जैसी बातें बेतुकी हैं. इससे कई कारोबार खत्म हो गए. नोटबंदी का एक साल: यहां पढ़ें सबसे बड़े सवाल का जवाब, आखिर कितना कैशलेस हुआ इंडिया? 6. जीएसटी: जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया. जिससे कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा. बीजेपी ने इस नाकामी को भी स्वीकार नहीं किया है. 7. विदेश नीति पर सवाल: हम चारों तरफ से घिरे हैं. चीन का श्रीलंका में बंदरगाह है वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान में वह लगातार प्रयासरत है. हम हर तरफ से घिरे हैं. मालदीव में विदेश नीति असफल रही. इन सबके बावजूद मोदी जी जब विदेश जाते हैं तो ये कहते हैं कि भारतीयों का 2014 से पहले विश्व में कोई सम्मान नहीं था और अब बहुत सम्मान मिल रहा है (ये बिलकुल बेतुका है. विदेश में भारत का सम्मान, बढ़ती अर्थव्यवस्था और आईटी क्षेत्र का सीधा परिणाम होता है. सम्मान बढ़ा नहीं बल्कि बीफ के शक में हत्या, पत्रकारों को धमकी की वजह से खराब हुआ है.) 8. पेट्रोल-डीजल की कीमत: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी, बीजेपी के मंत्री और सभी समर्थकों ने कांग्रेस की आलोचना की थी. अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को सही ठहराया जा रहा है. शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी पर मीडिया के गलत इस्तेमाल, ध्रुवीकरण को लेकर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रचारित किया जाता है कि 70 साल में भारत में कुछ भी नहीं हुआ, जो हो रहा है इसी सरकार में हो रहा है. ये सरासर झूठ है और ये देश के लिए खतरनाक है. इस सरकार ने विज्ञापनों पर हमारे करदाताओं के पैसे का 4,000 करोड़ खर्च किया. मोदी कोई ऐसे पहले नहीं हैं जो सड़क बनवा रहे हैं, उनसे बेहतर सड़के मायावती और अखिलेश ने बनवाईं हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. फेक न्यूज का प्रचार तेजी से किया जाता है. समय-समय पर हिंदू खतरे में हैं जैसा शिगूफा छेड़ दिया जाता है. लोगों के दिमाग में ये बिठाया जा रहा है कि हिंदू और हिंदूत्व खतरे में है. हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मालिकाना हक वाले न्यूज चैनल चल रहे हैं, जिनका इकलौता काम है हिंदू-मुस्लिम, नेशनलिस्ट-एंटी नेशनलिस्ट, भारत-पाकिस्तान पर बहस करना. लोगों की भावनाओं को भड़काना. असली मुद्दों से उनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं. कौन हैं शिवम शंकर सिंह? शिवम शंकर सिंह ने मिशिगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और उन्हें डेटा एनालिटिक्स में महारत हासिल है. उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों में कमल खिलाने में राम माधव के साथ मिलकर काम किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने शानदार आगाज किया है. सिंह के ट्विटर हैंडल पर नजर डालें तो वह लगातार बीजेपी के पक्ष में ट्वीट करते रहे हैं.

राम माधव के करीबी बीजेपी नेता ने दिया पार्टी से इस्तीफा, जीएसटी, नोटबंदी को बताया पूरी तरफ फेल

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव सिंह की टीम में शामिल बीजेपी के युवा नेता शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की कई वजह गिनाए हैं. अपने ब्लॉग में शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी की अच्छी और खराब बातों के बारे में विस्तार से बताया है. शिवम ने मोदी सरकार पर ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है.बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव सिंह की टीम में शामिल बीजेपी के युवा नेता शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की कई वजह गिनाए हैं. अपने ब्लॉग में शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी की अच्छी और खराब बातों के बारे में विस्तार से बताया है. शिवम ने मोदी सरकार पर ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है.   साथ ही अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की संदिग्ध मौत और जज लोया की मौत मामले की जांच और बीजेपी विधायकों पर लगे रेप के आरोप में बचाव को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवम ने अपने ब्लॉग की शुरुआत बीजेपी सरकार की अच्छाइयों से की है. जिसमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बिजली कनेक्शन घर-घर तक पहुंचाने का जिक्र है.   बीजेपी में क्या है अच्छा?   1. सड़क निर्माण कार्य में पहले से तेजी आई है और सड़कों की लंबाई के बारे में भी मानक पहले से बदलने के बावजूद सड़क बनाने का काम पहले से काफी तेज गति से हो रहा है.     Shivam Shankar Singh @ShivamShankarS  I am resigning from #BJP and for anyone who cares to know, here's why: https://medium.com/@INshivams/why-i-am-resigning-from-bjp-43b489d97777 …  12:18 PM - Jun 17, 2018 Why I am resigning from BJP: – Shivam Shankar Singh – Medium Political discourse is at it’s lowest point in the country, at least in my lifetime. The partisanship bias is unbelievable and people…  medium.com 3,419 2,524 people are talking about this Twitter Ads info and privacy    2. बिजली के कनेक्शन में तेजी आई है सभी गांवों में बिजली के कनेक्शन पहुंचें है और लोगों को पहले से ज्यादा घंटों के लिए बिजली मिल रही है. (कांग्रेस ने 5 लाख गांवों में बिजली पहुंचाई और मोदी सरकार ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाकर काम पूरा कर दिया तो ये सरकार की कितनी उपलब्धि है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.)   3. ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार कम हुआ है सरकार में मंत्रियों के लेवल पर कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं आया है लेकिन ऐसा ही यूपीए वन के समय भी था तो इसमें क्या खास है. हालांकि निचले स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार की हालत वैसी ही है.   4. स्वच्छ भारत मिशन सफल रहा है और पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है और लोगों के दिमाग में भी स्वच्छता ने स्थान लिया है.   5. उज्जवला योजना एक शानदार पहल है लेकिन कितने लोग दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं ये जानना बाकी है. पहला सिलेंडर और स्टोव मुफ्त मिलता है पर अब इसके लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं. जब  से स्कीम शुरू हुई तबसे सिलेंडर दोगुना हो चुका है और अब इसे भरवाने के लिए 800 रुपये तक लग जाते हैं.   6. उत्तरी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कनेक्टिविटी निश्चित तौर पर बेहतर हुई है, ज्यादा ट्रेन चली हैं, सड़के हैं, फ्लाइट्स हैं और सबसे खास तौर पर ये इलाके अब मुख्यधारा के न्यूज चैनलों के चर्चा के विषय भी हैं.   7. राज्यों में कानून और व्यवस्था में अच्छी बेहतरी देखी गई है.   क्या है खराब? 1. इलेक्टोरल बॉन्ड्स: इनके जरिए भ्रष्टाचार को कानूनी जामा पहना दिया गया है और इसके जरिए कोई भी कॉर्पोरेट या विदेशी शक्ति हमारी राजनीतिक पार्टियों को खरीद सकती हैं. बॉन्ड के बारे में किसी को पता नहीं चलता है ऐसे में अगर कोई कॉरपोरेट किसी खास पॉलिसी को लागू कराने के लिए 1 हजार करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टी को देता है तो जाहिर है कि उसका काम हो जाएगा.   2. प्लानिंग कमीशन रिपोर्ट: यह डेटा के लिए एक बेहद बड़ा सोर्स था. प्लानिंग कमीशन में सरकारी योजनाओं का आकलन होता था और फिर सुनिश्चित किया जाता था कि योजनाओं पर काम कैसे चल रहा है. अब कोई ऑप्शन नहीं है. जो भी डेटा सरकार देती है उसपर भरोसा करना पड़ता है. इसकी जांच के लिए कोई साधन नहीं है.,   3. सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल: जहां तक मैंने देखा कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है. हालांकि अगर ऐसा नहीं भी है तो जो लोग मोदी और शाह के खिलाफ बोलेंगे उन्हें इन एजेंसियों का डर है. ये एक स्वस्थ लोकतंत्र को खत्म करने के लिए काफी है.   कांग्रेस का बड़ा आरोप, RSS के कहने पर जज लोया की मौत के मामले में SC में राजनीति से प्रेरित PIL दाखिल की गई   4. कालिखो पुल (अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री), जज लोया, शोहराबुद्दीन मर्डर केस की जांच में नाकाम रहे. उन्नाव में ऐसे विधायक को बचाने का प्रयास किया गया जिसपर रेप और पीड़ित के पिता की हत्या का आरोप है. इस मामले में FIR एक साल बाद दर्ज की गई.   5. नोटबंदी: बीजेपी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि नोटबंदी नाकाम रहा. नोटबंदी से टेरर फंडिंग को रोकने, कैश को कम करने जैसी बातें बेतुकी हैं. इससे कई कारोबार खत्म हो गए.   नोटबंदी का एक साल: यहां पढ़ें सबसे बड़े सवाल का जवाब, आखिर कितना कैशलेस हुआ इंडिया?   6. जीएसटी: जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया. जिससे कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा. बीजेपी ने इस नाकामी को भी स्वीकार नहीं किया है.   7. विदेश नीति पर सवाल: हम चारों तरफ से घिरे हैं. चीन का श्रीलंका में बंदरगाह है वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान में वह लगातार प्रयासरत है. हम हर तरफ से घिरे हैं. मालदीव में विदेश नीति असफल रही. इन सबके बावजूद मोदी जी जब विदेश जाते हैं तो ये कहते हैं कि भारतीयों का 2014 से पहले विश्व में कोई सम्मान नहीं था और अब बहुत सम्मान मिल रहा है (ये बिलकुल बेतुका है. विदेश में भारत का सम्मान, बढ़ती अर्थव्यवस्था और आईटी क्षेत्र का सीधा परिणाम होता है. सम्मान बढ़ा नहीं बल्कि बीफ के शक में हत्या, पत्रकारों को धमकी की वजह से खराब हुआ है.)  8. पेट्रोल-डीजल की कीमत: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी, बीजेपी के मंत्री और सभी समर्थकों ने कांग्रेस की आलोचना की थी. अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को सही ठहराया जा रहा है.  शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी पर मीडिया के गलत इस्तेमाल, ध्रुवीकरण को लेकर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रचारित किया जाता है कि 70 साल में भारत में कुछ भी नहीं हुआ, जो हो रहा है इसी सरकार में हो रहा है. ये सरासर झूठ है और ये देश के लिए खतरनाक है. इस सरकार ने विज्ञापनों पर हमारे करदाताओं के पैसे का 4,000 करोड़ खर्च किया. मोदी कोई ऐसे पहले नहीं हैं जो सड़क बनवा रहे हैं, उनसे बेहतर सड़के मायावती और अखिलेश ने बनवाईं हैं.  उन्होंने कहा कि विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. फेक न्यूज का प्रचार तेजी से किया जाता है. समय-समय पर हिंदू खतरे में हैं जैसा शिगूफा छेड़ दिया जाता है. लोगों के दिमाग में ये बिठाया जा रहा है कि हिंदू और हिंदूत्व खतरे में है. हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मालिकाना हक वाले न्यूज चैनल चल रहे हैं, जिनका इकलौता काम है हिंदू-मुस्लिम, नेशनलिस्ट-एंटी नेशनलिस्ट, भारत-पाकिस्तान पर बहस करना. लोगों की भावनाओं को भड़काना. असली मुद्दों से उनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं. कौन हैं शिवम शंकर सिंह?   शिवम शंकर सिंह ने मिशिगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और उन्हें डेटा एनालिटिक्स में महारत हासिल है. उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों में कमल खिलाने में राम माधव के साथ मिलकर काम किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने शानदार आगाज किया है. सिंह के ट्विटर हैंडल पर नजर डालें तो वह लगातार बीजेपी के पक्ष में ट्वीट करते रहे हैं.

साथ ही अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की संदिग्ध मौत और जज लोया की मौत मामले की जांच और बीजेपी विधायकों पर लगे रेप के आरोप में बचाव को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवम ने अपने ब्लॉग की शुरुआत बीजेपी सरकार की अच्छाइयों से की है. जिसमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बिजली कनेक्शन घर-घर तक पहुंचाने का जिक्र है.

बीजेपी में क्या है अच्छा?

1. सड़क निर्माण कार्य में पहले से तेजी आई है और सड़कों की लंबाई के बारे में भी मानक पहले से बदलने के बावजूद सड़क बनाने का काम पहले से काफी तेज गति से हो रहा है.

2. बिजली के कनेक्शन में तेजी आई है सभी गांवों में बिजली के कनेक्शन पहुंचें है और लोगों को पहले से ज्यादा घंटों के लिए बिजली मिल रही है. (कांग्रेस ने 5 लाख गांवों में बिजली पहुंचाई और मोदी सरकार ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाकर काम पूरा कर दिया तो ये सरकार की कितनी उपलब्धि है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.)

3. ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार कम हुआ है सरकार में मंत्रियों के लेवल पर कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं आया है लेकिन ऐसा ही यूपीए वन के समय भी था तो इसमें क्या खास है. हालांकि निचले स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार की हालत वैसी ही है.

4. स्वच्छ भारत मिशन सफल रहा है और पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है और लोगों के दिमाग में भी स्वच्छता ने स्थान लिया है.

5. उज्जवला योजना एक शानदार पहल है लेकिन कितने लोग दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं ये जानना बाकी है. पहला सिलेंडर और स्टोव मुफ्त मिलता है पर अब इसके लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं. जब  से स्कीम शुरू हुई तबसे सिलेंडर दोगुना हो चुका है और अब इसे भरवाने के लिए 800 रुपये तक लग जाते हैं.

6. उत्तरी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कनेक्टिविटी निश्चित तौर पर बेहतर हुई है, ज्यादा ट्रेन चली हैं, सड़के हैं, फ्लाइट्स हैं और सबसे खास तौर पर ये इलाके अब मुख्यधारा के न्यूज चैनलों के चर्चा के विषय भी हैं.

7. राज्यों में कानून और व्यवस्था में अच्छी बेहतरी देखी गई है.

क्या है खराब?
1. इलेक्टोरल बॉन्ड्स: इनके जरिए भ्रष्टाचार को कानूनी जामा पहना दिया गया है और इसके जरिए कोई भी कॉर्पोरेट या विदेशी शक्ति हमारी राजनीतिक पार्टियों को खरीद सकती हैं. बॉन्ड के बारे में किसी को पता नहीं चलता है ऐसे में अगर कोई कॉरपोरेट किसी खास पॉलिसी को लागू कराने के लिए 1 हजार करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टी को देता है तो जाहिर है कि उसका काम हो जाएगा.

2. प्लानिंग कमीशन रिपोर्ट: यह डेटा के लिए एक बेहद बड़ा सोर्स था. प्लानिंग कमीशन में सरकारी योजनाओं का आकलन होता था और फिर सुनिश्चित किया जाता था कि योजनाओं पर काम कैसे चल रहा है. अब कोई ऑप्शन नहीं है. जो भी डेटा सरकार देती है उसपर भरोसा करना पड़ता है. इसकी जांच के लिए कोई साधन नहीं है.,

3. सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल: जहां तक मैंने देखा कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है. हालांकि अगर ऐसा नहीं भी है तो जो लोग मोदी और शाह के खिलाफ बोलेंगे उन्हें इन एजेंसियों का डर है. ये एक स्वस्थ लोकतंत्र को खत्म करने के लिए काफी है.

4. कालिखो पुल (अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री), जज लोया, शोहराबुद्दीन मर्डर केस की जांच में नाकाम रहे. उन्नाव में ऐसे विधायक को बचाने का प्रयास किया गया जिसपर रेप और पीड़ित के पिता की हत्या का आरोप है. इस मामले में FIR एक साल बाद दर्ज की गई.

5. नोटबंदी: बीजेपी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि नोटबंदी नाकाम रहा. नोटबंदी से टेरर फंडिंग को रोकने, कैश को कम करने जैसी बातें बेतुकी हैं. इससे कई कारोबार खत्म हो गए.

6. जीएसटी: जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया. जिससे कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा. बीजेपी ने इस नाकामी को भी स्वीकार नहीं किया है.7. विदेश नीति पर सवाल: हम चारों तरफ से घिरे हैं. चीन का श्रीलंका में बंदरगाह है वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान में वह लगातार प्रयासरत है. हम हर तरफ से घिरे हैं. मालदीव में विदेश नीति असफल रही. इन सबके बावजूद मोदी जी जब विदेश जाते हैं तो ये कहते हैं कि भारतीयों का 2014 से पहले विश्व में कोई सम्मान नहीं था और अब बहुत सम्मान मिल रहा है (ये बिलकुल बेतुका है. विदेश में भारत का सम्मान, बढ़ती अर्थव्यवस्था और आईटी क्षेत्र का सीधा परिणाम होता है. सम्मान बढ़ा नहीं बल्कि बीफ के शक में हत्या, पत्रकारों को धमकी की वजह से खराब हुआ है.)

8. पेट्रोल-डीजल की कीमत: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी, बीजेपी के मंत्री और सभी समर्थकों ने कांग्रेस की आलोचना की थी. अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को सही ठहराया जा रहा है.

शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी पर मीडिया के गलत इस्तेमाल, ध्रुवीकरण को लेकर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रचारित किया जाता है कि 70 साल में भारत में कुछ भी नहीं हुआ, जो हो रहा है इसी सरकार में हो रहा है. ये सरासर झूठ है और ये देश के लिए खतरनाक है. इस सरकार ने विज्ञापनों पर हमारे करदाताओं के पैसे का 4,000 करोड़ खर्च किया. मोदी कोई ऐसे पहले नहीं हैं जो सड़क बनवा रहे हैं, उनसे बेहतर सड़के मायावती और अखिलेश ने बनवाईं हैं.

उन्होंने कहा कि विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. फेक न्यूज का प्रचार तेजी से किया जाता है. समय-समय पर हिंदू खतरे में हैं जैसा शिगूफा छेड़ दिया जाता है. लोगों के दिमाग में ये बिठाया जा रहा है कि हिंदू और हिंदूत्व खतरे में है. हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मालिकाना हक वाले न्यूज चैनल चल रहे हैं, जिनका इकलौता काम है हिंदू-मुस्लिम, नेशनलिस्ट-एंटी नेशनलिस्ट, भारत-पाकिस्तान पर बहस करना. लोगों की भावनाओं को भड़काना. असली मुद्दों से उनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं.

कौन हैं शिवम शंकर सिंह?

शिवम शंकर सिंह ने मिशिगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और उन्हें डेटा एनालिटिक्स में महारत हासिल है. उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों में कमल खिलाने में राम माधव के साथ मिलकर काम किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने शानदार आगाज किया है. सिंह के ट्विटर हैंडल पर नजर डालें तो वह लगातार बीजेपी के पक्ष में ट्वीट करते रहे हैं.

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com