वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन दावेदार ने हिंदुओं की तारीफ करते हुए विश्व सभ्यता और अमेरिकी संस्कृति में उनके योगदान को “असाधारण” बताया है। 70 वर्षीय ट्रंप ने 15 अक्टूबर को न्यूजर्सी में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में शामिल होने का भी एलान किया है। पिछले दो चुनावों में पहली बार किसी उम्मीदवार ने भारतवंशियों के सार्वजनिक कार्यक्रम में शरीक होने का एलान किया है।
इस कार्यक्रम से इकट्ठा होने वाली रकम दुनियाभर में आतंकवाद पीड़ितों के कल्याण पर खर्च की जाएगी। रिपिब्लकन हिंदू कोलिशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 10 हजार लोगों के शरीक होने की उम्मीद है। बॉलीवुड कलाकारों, धर्म गुरुओं को भी शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है। ट्रंप ने 24 सेकेंड का वीडियो जारी कर खुद भी लोगों को इस “अभूतपूर्व” कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया है।उनके इस फैसले को छोटे लेकिन शक्तिशाली भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। वर्जीनिया जैसे प्रांतों में यह समुदाय निर्णायक स्थिति में है। उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन ने पहले से ही अपने प्रचार दल में बड़ी संख्या में भारतवंशियों को जगह दे रखी है। प्यू रिसर्च के ताजा सर्वे के अनुसार ज्यादातर भारतीय-अमेरिकी लोगों का झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ है। इस स्थिति को बदलने के लिए ट्रंप ने एशिया-प्रशांत पर अपनी 30 सदस्यीय सलाहकार समिति में तीन भारतवंशियों को जगह दी है।ये हैं, वर्जीनिया के पुनीत आहूलवालिया, कैलिफोर्निया के केवी कुमार और इलिनॉयस के शलभ शैली कुमार। शलभ रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के संस्थापक हैं। कुमार इससे पहले वर्ल्ड बैंक के साथ काम कर चुके हैं। वहीं, आहूलवालिया एशियन-अमेरिकी एंड पेसिफिक आइसलैंडर संगठन के सदस्य हैं। इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के 50 शीर्ष अधिकारियों ने ट्रंप को समर्थन का एलान किया है।इस घोषणा से चंद दिन पहले ही सीनियर बुश के विरोधी दल की उम्मीदवार हिलेरी को वोट देने की योजना बनाने की खबर सामने आई थी। दूसरी ओर, अमेरिका के दो बड़े अखबारों ने राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप को अयोग्य बताया है।
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