सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम दफ्तर की नाक के नीचे सरकारी सड़क पर दीवार खड़ी करने वाले खनन कारोबारी धनन्जय गिरि पर आखिरकार शिकंजा कस ही गया है। जागरण में इस गड़बड़झाले की खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम आयुक्त ने जांच बैठाई थी। सोमवार को जांच पूरी हो गई। आरोप सही मिलने पर खनन कारोबारी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही चेताया गया है कि 15 दिन के अंदर जुर्माना नहीं जमा करने पर और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रसूख के चलते सरकारी नियमों को बौना समझने वाली खनन कारोबारी धनन्जय गिरि की मनमानी जोरों पर थी। वे प्रेम सिनेमा के निकट 50 से 60 फुट गहरा गड्ढा खोदकर कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए बेसमेंट बनाए थे। यह गड्ढा सड़क के निकट ही पिछले दो साल से बना हुआ है। यातायात में बाधक बनने के साथ ही आसपास के भवनों के लिए भी यह खतरनाक बना हुआ है । इतना ही नहीं सरकारी सड़क को भी इससे काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ दिनों पहले बेसमेंट को ढकने के लिए बनाई गई दीवार गिरने के कारण सड़क को काफी नुकसान पहुंचा।
जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो शहर के कारोबारियों ने भी इस मनमानी के विरोध में आवाज बुलंद की। जिसके बाद शहर भर में कारोबारी के मनमानी की चर्चा होने लगी। नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच बैठा दी। सोमवार को जांच पूरी हो गई। जिसमें आरोप सही पाए गए। जिसके बाद खनन कारोबारी के खिलाफ 20 लाख 48 हजार 121 रुपये का जुर्माना तक किया गया। 15 दिन के भीतर ये रुपये नगर निगम कोषागार में भरने होंगे। तय तिथि में जुर्माना न भरने पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी अप्रिय घटना होने पर गिरि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जांचा जाए कांप्लेक्स स्वीकृति का मानक, उठने लगी मांग
शहर के करोबारियों ने जिन मानकों के आधार पर कांप्लेक्स निर्माण की स्वीकृति दी गई उनकी फिर से जांच कराने की मां की है। लोगों का तो दबी जुबान में यहां तक कहना है कि नक्शा पास करने में ऊपर तक काफी गोलमाल किया गया है। मनोज कुमार, रवीन्द्र बिष्ट, किरन महेश्वरी आदि ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर कॉम्प्लेक्स निर्माण के मानकों और नक्शा पास कराने में हुई अनियमितताओं की जांच कराने की मांग की है।