इंदौर। हुकमचंद मिल की जमीन की नीलामी का मामला फिर अटक गया है। सात अक्टूबर को होने वाली नीलामी के लिए एक भी आवेदन नहीं आया जिससे नीलामी लगभग निरस्त हो चुकी है। ऐसे में मजदूरों को मिलने वाला पैसा नहीं मिल पाएगा। इससे पूर्व भी नीलामी होना थी। मगर नहीं हुई। मजदूरों को 229 करोड़ रुपए मिलना है। 5885 मजदूर पैसे मिलने का इंतजार कई वर्षों से कर रहे हैं।
बहुचर्चित हुकुमचंद मिल के मामले में सात अक्टूबर को नीलामी होना है लेकिन एक भी आवेदन नहीं आने से संभवत: नीलामी निरस्त हो जाएगी। 42.5 एकड़ जमीन की नीलामी होना है और बीआरटी को एक भी आवेदन नहीं मिला है। नीलामी के लिए 420 करोड़ रु. जमीन की कीमत लगाई गई थी जिसे घटाकर 412 करोड़ रुपए किया गया है। पिछली बार चेतक सीमेंट चित्तोड़ ने नीलामी के लिए आवेदन किया था। लेकिन तारीख बढ़ने से मामला अटक गया। आज आनलाइन आवेदन की आखिरी तारीख है, लेकिन कल तक एक भी आवेदन नहीं आए। आज भी संभावना कम है। उल्लेखनीय है करीब 24 वर्षों से मिल मजदूर अपने हक का पैसा लेने का इंतजार कर रहे हैं और कई मजदूरों की मौत भी हो चुकी है। 5885 मजदूरों को 229 करोड़ रुपए मिलना है। मजदूरों ने शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगाई। मगर किसी ने भी मजदूरों की पीड़ा नहीं समझी।