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साइबर धोखाधड़ी से बचाएगा दूरसंचार विभाग, ला रहा नई प्रणाली

दिल्ली। हाल के दिनों में नागरिकों को बढ़ते स्पैम और धोखाधड़ी कॉल्स का सामना करना पड़ रहा है, जो अक्सर भारतीय मोबाइल नंबरों से दिखाई देते हैं, जबकि असल में ये अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों द्वारा की जा रही हैं। इन फर्जी कॉल्स से निपटने के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने एक उन्नत प्रणाली की शुरुआत की है, जो भारतीय दूरसंचार ग्राहकों को सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई है।

क्या है यह नई प्रणाली?

डीओटी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के सहयोग से विकसित की गई यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए दो चरणों में कार्य करेगी। पहले चरण में टीएसपी अपने ग्राहकों के लिए फर्जी कॉल्स को रोकेंगे, जबकि दूसरे चरण में एक केंद्रीय प्रणाली पूरे नेटवर्क पर फर्जी कॉल्स को समाप्त करेगी।

नागरिकों को दी जा रही सलाह

डीओटी ने नागरिकों को ‘चक्षु’ नामक सुविधा का उपयोग करके संदिग्ध धोखाधड़ी कॉल्स की रिपोर्ट करने की सलाह दी है। नागरिक इस प्लेटफॉर्म पर स्क्रीनशॉट और अन्य विवरण प्रदान कर सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी के मामलों की त्वरित पहचान और रोकथाम में मदद मिलेगी।

स्पूफ कॉल्स की संख्या

रोज़ाना करीब 45 लाख स्पूफ कॉल्स को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में आने से पहले ही ब्लॉक किया जा रहा है। यह संख्या दर्शाती है कि किस प्रकार से साइबर अपराधी सक्रिय हैं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह कदम कितना आवश्यक है।

क्या कर रही सरकार?

दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई अन्य उपाय भी लागू किए हैं, जैसे डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट और संचार साथी पोर्टल। इन पहलों के माध्यम से, सरकार ने अब तक 1.77 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन और 2.29 लाख धोखाधड़ी से जुड़े मोबाइल फोन को ब्लॉक किया है।

आपकी भूमिका क्या है?

सरकार की कोशिशों के साथ, नागरिकों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट करके और सुरक्षित संचार प्रथाओं को अपनाकर, आप साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ इस लड़ाई में योगदान दे सकते हैं।

इस नई प्रणाली की शुरुआत के साथ, उम्मीद की जा रही है कि नागरिकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।

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